जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल 2025) हुए आतंकी हमले के बाद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे ‘धर्म विशेष पर लक्षित कायरता’ बताते हुए तीखी निंदा की है। उन्होंने साफ कहा कि यह हमला न केवल निर्दोष लोगों की जान लेने की निंदनीय कोशिश थी, बल्कि देश की एकता को चोट पहुंचाने का प्रयास भी था।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार इस हमले के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “सरकार सिर्फ हमले को अंजाम देने वालों तक ही नहीं, बल्कि इसके पीछे छिपे सभी चेहरों तक पहुँचेगी।”
रक्षा मंत्री ने उन निर्दोष नागरिकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं, जिन्होंने इस हमले में जान गंवाई। उन्होंने कहा, “इस दर्दनाक घटना में कई परिवार उजड़ गए हैं। मैं उन सभी पीड़ित परिवारों के दुख में शामिल हूँ और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की ‘शून्य सहिष्णुता नीति’ आतंकवाद के खिलाफ पहले से अधिक सख्ती से लागू की जाएगी। उन्होंने कहा, “देश की जनता को यह भरोसा दिलाता हूँ कि भारत इन कायरतापूर्ण प्रयासों से डरने वाला नहीं है। एक-एक दोषी को न्याय के कठघरे तक लाया जाएगा।”
हमले के अगले दिन यानी 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री ने सेना और सुरक्षा एजेंसियों के उच्चाधिकारियों के साथ विशेष समीक्षा बैठक की। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल, जल और वायु सेना प्रमुख, रक्षा सचिव और सैन्य अभियानों के महानिदेशक मौजूद थे। उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज़ करने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस गंभीर घटना पर सीधे नजर रख रहे हैं। शाम 6 बजे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक बुलाई गई है, जिसकी अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री करेंगे। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे।