पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क उठी है। यहाँ मुस्लिम भीड़ ने हाथों में हरे झंडे ले कर हंगामा किया है। भीड़ उत्तेजक नारेबाजी करते हुए हिन्दुओं के साथ पुलिस वालों के खिलाफ भी अभद्र भाषा का प्रयोग करती देखी जा सकती है। इस दौरान हमलावरों ने वाहनों को तोड़ डाला है और घरों को भी निशाना बनाया है। मुस्लिम भीड़ द्वारा किए जा रहे इस उपद्रव के आगे प्रशासन को भी लाचार हालत में देखा जा सकता है। इस हिंसा के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। घटना गुरुवार (27 मार्च 2025) की है।
यह मामला मालदा जिले के मोथबारी इलाके का है। गुरुवार की दोपहर में यहाँ अचानक ही सड़कों पर मुस्लिम भीड़ दिखाई पड़ने लगी। इस्लामी वेशभूषा में हिंसक भीड़ के हाथों में हरे झड़े दिखने लगे। ये सड़कों पर उतर कर बवाल करने लगे। भीड़ नारा ए तकबीर और अल्लाह हु अकबर का नारा लगा रही थी। उसने रास्ते में मिले ऑटो व अन्य वाहनों पर हमला कर के उनको क्षतिगस्त कर डाला। काफी देर तक इस हिंसक भीड़ को रोकने के लिए कोई प्रशासनिक अधिकारी भी आता नहीं दिखा।
घटना के वायरल हो रहे तमाम वीडियो में देखा जा सकता है कि हिंसक भीड़ हिन्दू दुकानदारों की तरफ बढ़ती दिख रही है। वो मार डालो-काट डालो जैसी उकसावे वाली बातें कर रहे हैं। इन वीडियो में अन्य मुस्लिमों को भी हिंसा में शामिल होने के लिए उकसाया जा रहा है। सामने एक बड़ी मस्जिद देखी जा सकती है जिसके आसपास लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। इस भीड़ में भी नाबालिगों को आगे खड़ा किया गया था। इसी को सुरेश चव्हाणके जी ने अपने बिंदास बोल में फिलिस्तीनी मॉडल बताया था।
बंगाली भाषा में बोल रहे हमलावरों ने कई गाड़ियाँ रोकी। भीड़ द्वारा स्कूली बच्चों के वाहनों को भी रोका गया। कई दुकानदारों को जबरन उनकी दुकानें बंद करने पर मजबूर किया गया। कुछ गिने चुने सुरक्षा बलों को इसी भीड़ में से चैलेन्ज मिला, "यहाँ करोड़ों लोग हैं।" इसी दौरान प्रशासन को दलाल जैसे शब्दों से सम्बोधित किया गया। कुछ हमलावरों द्वारा पुलिस पर हमले तक के लिए ललकारा जा रहा था।
अंत में यह हिंसक भीड़ पुलिस स्टेशन के आगे जमा हुई। बाहर से खड़े हो कर पुलिसकर्मियों को ललकारा गया। यह भीड़ थाने में घुसने के लिए आमादा थी जिसे जैसे-तैसे प्रशासनिक अधिकारी रोकने का प्रयास कर रहे थे। भीड़ ने एक बाइक सवार को रोका और उसको पुलिस स्टेशन के आगे भी बेरहमी से पीटा। हमलावरों ने बेगुनाहों को पीटने के लिए लाठी-डंडे ले रखे थे।
यह कहना गलत नहीं होगा कि लगभग 1 घंटे से अधिक समय तक मोथबारी शहर दंगाइयों के कब्ज़े में रहा। LIVE वीडियो में सीना ठोंक-ठोक कर खुद से लड़ने का चैलेन्ज दिया जा रहा था। हिन्दुओं को बिस्मिल्लाह कहने का दबाव दिया गया। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक हिंसक भीड़ एक दिन पहले हिन्दुओं के किसी जुलूस पर आपत्ति जता रही थी। उनका आरोप था कि मस्जिद के आगे कुछ लोगों ने जुट कर जय श्री राम का नारा लगाया था।