वरिष्ठ CPI (M) नेता सीताराम येचुरी का आज यानी गुरुवार को 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। उन्हें काफी समय तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। डॉक्टरों की एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुई थी।
1975 में एक छात्र नेता के तौर पर उन्होंने आपातकाल का विरोध किया था। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा। आज दोपहर 03:05 बजे उनका निधन हो गया। 19 अगस्त को येचुरी को निमोनिया जैसे सीने में संक्रमण के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सीताराम येचुरी ने हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई थी। पार्टी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
राहुल गांधी ने दुख जताया
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सीताराम येचुरी के निधन पर दुख जताया है। राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे। वह भारत के विचार के रक्षक थे और उन्हें हमारे देश की गहरी समझ थी। मैं हमारी लंबी चर्चाओं को याद करूंगा। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।
येचुरी का जीवन
सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त सन् 1952 को मद्रास (चेन्नई) में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में अभियंता थे। वहीं, उनकी माता कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई हैदराबाद में की थी। इसके बाद वह उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिल्ली आ गये।
सीताराम येचुरी ने प्रेसिडेंट एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) किया और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अर्थशास्त्र में एम.ए किया। एक छात्र नेता के रूप में उन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया था।