भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन के बाद उनके परिवार ने उनका पार्थिव शरीर एम्स को दान कर दिया है। उनके पार्थिव शरीर को शोध के लिए एम्स को सौंप दिया गया है। दरअसल, गुरुवार को सीताराम येचुरी का यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
सीताराम येचुरी 72 साल के थे। पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी और उन्हें कृत्रिम श्वसन प्रणाली पर रखा गया था। येचुरी का निधन दोपहर 03:05 बजे हुआ। सीपीआई (एम) ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि येचुरी को यहां एम्स में उन्हें कृत्रिम श्वसन प्रणाली पर रखा गया है। बताया गया कि उनका श्वसन तंत्र में संक्रमण का इलाज चल रहा है। येचुरी को निमोनिया जैसा सीने में संक्रमण के इलाज के लिए 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।
येचुरी का जीवन परिचय
सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त सन् 1952 को मद्रास (चेन्नई) में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में अभियंता थे। वहीं, उनकी माता कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई हैदराबाद में की थी। इसके बाद वह उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिल्ली आ गये।
सीताराम येचुरी ने प्रेसिडेंट एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) किया और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अर्थशास्त्र में एम.ए किया। एक छात्र नेता के रूप में उन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया था।