शारदीय नवरात्रि, देवी दुर्गा की आराधना का विशेष पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो गया है। इस साल यह पर्व 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। नवरात्रि के इस महापर्व में भक्तजन नौ दिन तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। नवरात्रि का पर्व मुख्य रूप से आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होता है और इसका समापन दशहरा के दिन होता है। इस दौरान भक्तजन उपवास रखते हैं, माता के गीत गाते हैं और गरबा, डांडिया जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। कई मंदिरों में तो पूजा की विधि भी एकदम अलग है। ऐसे ही एक कृष्ण नगरी मथुरा में भी मां दुर्गा का एक ऐसा मंदिर है जहां पूजा करने की विधि बेहद अलग है। इस जगह पर मां दुर्गा के उत्सव में ढोल-नगाड़े नहीं बजते हैं बल्कि डंडे और लाठियां बजती हैं। तो यहां जानिए सब कुछ...
जानिए नारी सेमरी मंदिर की ये अनोखी मान्यता
नारी सेमरी मंदिर, जो कि मां दुर्गा की एक प्रसिद्ध उपासना स्थली है, अपने अनूठे रीति-रिवाजों और मान्यताओं के लिए जाना जाता है। यह मंदिर विशेष रूप से उन भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है जो मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। इस मंदिर की एक खास बात यह है कि यहां श्रद्धालु ढोल-नगाड़े नहीं, बल्कि लाठियां पीटते हैं।
मान्यता का स्रोत
मंदिर में लाठियां पीटने की परंपरा का संबंध मां दुर्गा की शक्ति से है। मान्यता है कि जब भक्त यहां आते हैं और लाठियों को पीटते हैं, तो यह मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक होता है। ऐसा माना जाता है कि यह क्रिया उनके अंदर की नकारात्मकता को बाहर निकालती है और उन्हें मानसिक शांति प्रदान करती है।
अनोखी पूजा विधि
इस मंदिर में पूजा विधि भी बेहद खास है। श्रद्धालु यहां आते हैं और अपने मन की बात मां दुर्गा के आगे रखते हैं। लाठियों को पीटने का यह तरीका एक प्रकार का यज्ञ है, जो भक्तों को एकजुट करता है और उन्हें मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है। भक्तों का मानना है कि इस प्रक्रिया से मां दुर्गा उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
सांस्कृतिक महत्व
नारी सेमरी मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपरा का भी प्रतीक है। यहां हर साल विशेष त्योहारों पर बड़े धूमधाम से आयोजन होते हैं, जिसमें भक्त बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। यह मंदिर लोगों को एकजुट करने और सामुदायिक भावना को मजबूत करने में भी सहायक है।
नारी सेमरी मंदिर एक अद्वितीय स्थल है, जहां श्रद्धा और भक्ति के साथ-साथ परंपरा का पालन किया जाता है। यहां लाठियों की पीटने की प्रक्रिया केवल एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था का एक गहरा प्रतीक है। यह मां दुर्गा की महिमा का प्रमाण है और भक्तों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना हुआ है। इस मंदिर में आने वाले भक्त हर बार नई ऊर्जा और विश्वास के साथ लौटते हैं।