करवा चौथ के त्योहार का शादीशुदा महिलाएं पूरे साल इंतजार करती हैं। हिंदू धर्म में विवाह संस्कार से जुड़े व्रतों का बहुत महत्व है। इन व्रतों को करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है। ऐसे में हिंदू धर्म में करवा चौथ के व्रत का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से पति की उम्र लंबी होती है। साथ ही इस व्रत को करने से पति-पत्नी के रिश्ते में प्यार बना रहता है।
करवा चौथ 2024 शुभ मुहूर्त
पौराणिक मान्यता के अनुसार करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024, रविवार को रखा जाएगा। इस दिन व्यतिपात योग के साथ कार्तिक नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जिससे व्रत का महत्व बढ़ रहा है। ऐसे में चंद्रमा की पूजा करना और भी लाभकारी माना जाएगा, जिससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होगा।
पंचांग के अनुसार करवा चौथ पर पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर शाम 5 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा।
ये मुहूर्त 20 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा.ये मुहूर्त 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।
चांद निकलने का समय शाम 7 बजकर 44 मिनट तक का है।
महिलाओं को करवा चौथ व्रत के लिए सामान खरीदने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
इन बातों का रखें ख्याल
करवा चौथ की पूजा में इस्तेमाल किया गया करवा कभी भी मंगलवार के दिन नहीं लेना चाहिए। मंगलवार के दिन ऐसा करवाना शुभ नहीं माना जाता है।
वैसे तो आप शादी का सामान किसी भी दिन खरीद सकती हैं, लेकिन रविवार के दिन चूड़ियां खरीदना और पहनना बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए आप कोशिश करें कि करवा चौथ के दिन इन चूड़ियों को धोकर ही पहनें।
करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं को 16 श्रंगार करना चाहिए जिसमें चूड़ी, बिंदी, बिछिया, पायल, मंगलसूत्र, सिंदूर, आलता, मेंहदी, लिपिस्टिक, नेल पोलिश, काजल, नथ, गजरा, मांग टीका, झुमके, बाजूबंद, कमरबंद, अंगूठी आदि शामिल है।
करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाओं को मंगलसूत्र और चूड़ियां खरीदनी चाहिए, यह बहुत शुभ माना जाता है।
करवा चौथ की पूजा के लिए मिट्टी या तांबे का करवा इस्तेमाल किया जाता है, पान का पत्ता, तिनका, कलश, अक्षत, चंदन, फूल, हल्दी, देसी घी, कच्चा दूध, दही, शहद, मिश्री, रोली, मौली का इस्तेमाल किया जाता है।
करवा चौथ के दिन चंद्रमा निकलने के बाद करवा चौथ व्रत कथा पढ़कर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। फिर छलनी से चंद्रमा को देखकर अपने पति का चेहरा देखना चाहिए।
फिर पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोलना चाहिए।