करवा चौथ हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो पति-पत्नी के रिश्ते में विश्वास बढ़ाता है। इस दिन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन और पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस वर्ष, करवा चौथ का त्योहार 2024 में 20 अक्तूबर 2024 को मनाया जाएगा। हालांकि, इस बार करवा चौथ पर भद्रा का प्रभाव रहेगा, जो कि पूजा के समय को प्रभावित कर सकता है। तो आइए इसके बारे में जानते हैं।
भद्रा का प्रभाव
भद्रा, एक ज्योतिषीय स्थिति है, जिसमें ग्रहों की स्थिति शुभ नहीं मानी जाती। इस बार भद्रा का समय करवा चौथ की पूजा के समय से मेल खा रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, भद्रा का प्रभाव 1 नवंबर को सुबह 5:39 बजे से लेकर 7:12 बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजा करना वर्जित माना जाता है। ऐसे में महिलाओं को अपने पूजा के समय को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम बनाना होगा।
शुभ मुहूर्त
करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्तूबर को रात 8:00 बजे से लेकर 9:00 बजे तक रहेगा। इस समय, चंद्रमा निकलने के बाद पूजा करना सर्वोत्तम रहेगा। इसलिए, महिलाएं इस समय का ध्यान रखें और चंद्रमा की आरती का विशेष महत्व दें।
पूजा की सामग्री
करवा चौथ की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में करवा, मिठाई, फल, सिंदूर, रोटी, और दीपक शामिल हैं। महिलाएं इन सभी चीजों को इकट्ठा कर, संध्या के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करेंगी।
आरती का महत्व
आरती इस पूजा का एक अहम हिस्सा है। महिलाओं को अपने पति की लंबी उम्र के लिए आरती गाते समय पूरे मन से प्रार्थना करनी चाहिए। यह न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है, बल्कि एक दूसरे के प्रति प्यार और समर्पण का भी प्रतीक है।