उत्तराखंड सरकार स्वरोजगार पर विशेष ध्यान दे रही है और इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सफल उद्यमियों से सुझाव लेने जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पलायन रोकथाम आयोग 13 नवम्बर को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर में उद्यमियों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस कार्यक्रम में राज्य के लगभग 200 सफल उद्यमी भाग लेंगे, जिनमें स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लखपति दीदी भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इन उद्यमियों से बातचीत करेंगे और स्वरोजगार गतिविधियों को आगे बढ़ाने के संबंध में सुझाव लेंगे। इस पहल से गैरसैंण के विधानसभा परिसर में पसरा सन्नाटा टूटेगा और पहाड़ में उद्यमिता को बढ़ावा देने का सकारात्मक संदेश जाएगा। यहां यह बताना जरूरी है कि भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर केवल विधानसभा सत्र के दौरान ही सक्रिय रहता है।
लागू करने का निर्देश
सीएम धामी ने हाल ही में पलायन रोकथाम आयोग की बोर्ड बैठक में निर्देश दिए थे कि यहां के सफल उद्यमियों से स्वरोजगार योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सुझाव प्राप्त किए जाएं. हालांकि आयोग ने पहले भी ऐसी पहल की थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे व्यापक तरीके से लागू करने का निर्देश दिया।
आयोग ने इस दिशा में काम शुरू किया. गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के सफल उद्यमियों के साथ ही स्वयं सहायता समूहों से भी संपर्क किया। इस प्रयास से स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये जायेंगे। इस संवाद कार्यक्रम की रूपरेखा तय कर ली गई है।
200 उद्यमियों का चयन
आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी के मुताबिक उद्यमियों से संवाद का कार्यक्रम पहले देहरादून में प्रस्तावित था, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब इसे गैरसैंण स्थित विधानसभा परिसर में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संवाद के लिए 200 उद्यमियों का चयन किया गया है, जिनमें कुछ लखपति दीदी भी शामिल हैं। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण होगा और उद्यमियों के सुझावों से सरकार को लाभ होगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उद्यमियों से बातचीत करेंगे और उनके कारोबार के बारे में जानकारी लेंगे। हम उद्यम स्थापना के दौरान आने वाली चुनौतियों और उनसे पार पाने के उपायों पर भी चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस संवाद से मिले सुझावों के आधार पर सरकार नीतियों में संशोधन कर स्वरोजगार अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेगी।
यह पहल न केवल उद्यमियों को सहायता प्रदान करेगी बल्कि राज्य में स्वरोजगार को भी बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री बोर्ड बैठक भी करेंगे. गैरसैंण में उद्यमियों से संवाद कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम आयोग की बोर्ड बैठक भी करेंगे। आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. नेगी के मुताबिक इस बैठक में गांवों से पलायन रोकने के लिए स्वरोजगार की रणनीति पर गहन चर्चा होगी। यह बैठक ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।