बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर पूरे दुनिया का ध्यान बांग्लादेश पर टीका है। लेकिन सुदर्शन न्युज ने हमेशा ही कहा है की, देश में कितने ही जगह छोटे-छोटे पाकिस्तान बने हुए है, जिसमें बांग्लादेशी घुसपैठिए अपना ठिकाना जमाए है। वो देश के लिए और स्थानीय लोगों के लिए कभी भी खतरा हो सकते है।
महाराष्ट्र के शहर नागपुर में एक पूरा एरिया ही 'बांग्लादेश' के नाम से जाना जाता है। हालांकि सन् 1971 में जब बांग्लादेश आजाद हुआ तब से भाईचारे के कारण जोश में आकर इस एरिया का नामकरण बांग्लादेश कर दिया... उसके बाद किसी ने सोचा भी नहीं होगा की यहां पर सच में बांग्लादेशी घुसपैठी लोग आकर बसेंगे और लेंडी तालाब में मिट्टी डालकर अवैध तरीके से बनाये जमीन पर लैंड जिहाद, लव जिहाद, व्यापार जिहाद करेंगे।
नागपुर शहर में ऑक्सिजन NGO नाम से एक NGO में काम करता है। जिन्होंने पिछले 11 साल से इस तालाब पर अपनी याचिका फाईल की है। तालाब में बढ़ती लुंगी पहनने वालों की संख्या को ध्यान में रखते हुए ये तालाब अब लैंड जिहाद का शिकार बन चुका है। इस बात की शंका होने पर संवैधानिक तरीके से आवाज उठाने की कोशिश की। नागपुर शहर के समाचार पत्र में भी इन घुसपैठियों को लेकर और लेंडी तालाब में हो रहे अवैध अतिक्रमण के समाचार प्रसारित हुए।
2017 में ATS द्वारा की गई कार्रवाई में 8 बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकाला था। लेकिन उसके बाद किसी भी तरीके की कोई भी कारवाई नहीं हुई। आज सैंकड़ों की संख्या में लुंगी पहने लोग यहां शाम-सवेरे देखे जा सकते है। ये लोग जब सोनारओली में सोने को तराशने वाले कारागीर बनकर काम करते है और नागपूर शहर के अनेक कपड़ों के होलसेल फैक्ट्री में कारागीर बनकर निकलते है तो पहचानना मुश्किल हो जाता है कि ये हिंदू है या बांग्लादेशी।