अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के ‘अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन’ प्रकल्प के राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा के प्रतिनिधियों ने आज भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा के दौरान मिले अनुभवों को साझा किया। यह उल्लेखनीय है कि अभाविप के ‘अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन’ प्रकल्प के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के छात्र देश के विभिन्न राज्यों की यात्रा कर रहे हैं। इसी क्रम में रानी गाइदिन्ल्यू समूह के प्रतिनिधियों ने कल यानी 30 जनवरी को उपराष्ट्रपति धनखड़ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में इस यात्रा की सराहना की और इसे उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि स्वरूप बताया, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों को ‘अष्टलक्ष्मी’ की संज्ञा देते हुए इसे विश्व का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल बताया।”
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अभाविप के ‘सील’ प्रकल्प को भारत की ‘एकता में विविधता’ का जीवंत उदाहरण बताया। उन्होंने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि, “विद्यार्थी जीवन में अभाविप द्वारा जागृत संवेदनशीलता ही आज हमें पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रेरित कर रही है। जिस प्रकार यह यात्रा पूरे देश में दिलों को जोड़ने का कार्य कर रही है, उसी तरह सरकार भी पूर्वोत्तर को राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, “राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा भारत की ‘एकता में विविधता’ को सजीव रूप में प्रस्तुत कर रही है। यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों को भारत के अन्य हिस्सों में रहने और वहां की जीवनशैली, संस्कृति व परंपराओं को समझने का अवसर प्रदान करता है।विभिन्न राज्यों के छात्रों को एक-दूसरे के साथ घुलने-मिलने और राष्ट्रवादी चेतना विकसित करने का अवसर मिलता है। आज इन प्रतिनिधियों का भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवम् केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से संवाद रहा। निश्चित ही यह सभी युवा यहाँ से लौटकर अपने-अपने राज्यों में विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।”