संभल में हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कोतवाली में हो रही बैठक के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) श्रीशचंद्र कुछ लोगों को हिदायत देते हुए कहते हैं कि, सालार मसूद गाजी एक लूटेरा था, और उसके नाम पर अब कोई मेला आयोजित नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई इस लुटेरे के नाम पर कोई गतिविधि करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सालार मसूद गाजी और नेजा मेला का विवाद
हर साल होली के बाद संभल में सालार मसूद गाजी की याद में नेजा मेला आयोजित किया जाता है। इस साल 18 मार्च को मेला लगाने के लिए झंडा गाड़ने की तैयारी थी, और मेला 25 से 27 मार्च तक तीन दिनों तक आयोजित होने वाला था। आयोजन समिति के कुछ सदस्य अपर पुलिस अधीक्षक श्रीशचंद्र से मिलने पहुंचे थे ताकि वे मेला आयोजित करने की अनुमति प्राप्त कर सकें। लेकिन एएसपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सालार मसूद गाजी के नाम पर कोई मेला नहीं लगेगा, क्योंकि वह महमूद गजनवी का सेनापति था और उसने सोमनाथ मंदिर को लूटा था, साथ ही देश में हिंसा भी फैलायी थी।
कड़ी चेतावनी - कोई अवैध कार्य नहीं होने देंगे
ASP श्रीशचंद्र ने कहा कि अगर किसी ने इस लूटेरे के नाम पर मेला आयोजित करने की कोशिश की, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। आयोजन समिति के सदस्यों ने दरगाह और परंपरा का हवाला दिया, तो एएसपी ने साफ कहा कि किसी भी लूटेरे के नाम पर दरगाह की बात करने का कोई मतलब नहीं है। उनका कहना था कि अगर कोई जानबूझकर इस प्रकार का आयोजन करता है तो उसे देशद्रोही समझा जाएगा।
संभल में बढ़ती विवादों की श्रृंखला
संभल पिछले कुछ महीनों से लगातार चर्चा में है। पहले जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़की थी, जिसमें चार लोग मारे गए थे। इसके बाद प्रशासन ने कई प्रकार के अभियान चलाए, जिसे एक समुदाय के खिलाफ बताया गया। हाल ही में होली और जुमा का एक साथ पड़ना और सीओ अनुज चौधरी का बयान भी चर्चा का विषय बना था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुज चौधरी को समर्थन दिया था, जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार बढ़ गई। अब नेजा मेले का मुद्दा सामने आया है, जो एक नया विवाद खड़ा कर रहा है।