राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यानी शुक्रवार को अपना संबोधन शुरू किया। इस दौरान उन्होंने कहा पिछले 10 साल में सुरक्षा और मजबूत हुई। समय के हिसाब से बदलाव जरूरी होता है। हम हर एक चुनौती से निपट रहे हैं। हमने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। कई अपराध सीमा के बाहर हो रहे हैं। चार दशक से देश में 3 नासूर थे। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पहला नासूर था। दूसरा नक्सलवाद और उत्तर पूर्व उग्रवाद तीसरा नासूर था। हमने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। हमने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म किया। पहले की सरकार आतंकी हमलों को भूल जाती थी।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "21 सदस्यों ने यहां अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। एक तरह से गृह मंत्रालय के अनेक कार्यों के परिमाणों को छूने का प्रयास किया गया है। सबसे पहले मैं देश की आजादी के बाद आंतरिक सुरक्षा और सरहदों की सुरक्षा के लिए जिन राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, उन हजारों जवानों को मन पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।"
अमित शाह ने कहा, "हमारे संविधान में कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों पर है। सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। यह एक सही निर्णय है। इसमें कोई बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन जब कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों की है, तो 76 साल बाद अब ऐसी स्थिति है कि कई तरह के अपराध राज्य की सीमा तक सीमित नहीं रह गए हैं, वे अंतरराज्यीय भी हैं और बहुराज्यीय भी हैं - जैसे नारकोटिक्स, साइबर अपराध, संगठित अपराध गिरोह, हवाला। ये सभी अपराध सिर्फ एक राज्य के भीतर नहीं होते हैं। देश में कई अपराध देश के बाहर से भी भारत में किए जाते हैं। इसलिए इन सबको ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय में बदलाव करना जरूरी हो जाता है।"
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। हमने आतंकवाद के करारा जवाब दिया है। हमने एक देश में दो विधान को खत्म किया। पहले की सरकार ने वोट बैंक की वजह से अनुच्छेद 370 नहीं हटाया। अब लालचौक पर तिरंगा फहरा रहा है। पहले आतंकवादियों के जुलूस निकलते थे। अब आतंकी जहां मरते हैं, वहीं दफन होते हैं। दस साल पहले आतंकियों का महिमामंडन होता था।"
अमित शाह ने कहा कि जो काला चश्मा पहनकर आंखें मूंदकर बैठे हैं, उनको नजारा नहीं दिखाया जा सकता। नजर में ही आतंकी है तो आपको सपने में भी आएगा। हम तो दिखाई देते ही दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं। हमारी सरकार न आतंक और न आतंकियों को सह सकती है। आतंकियों के लिए देश में कोई जगह नहीं है।