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Chaitra Navratri 2025: कल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, जानें पूज विधि और शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से भारतीय नववर्ष की शुरुआत के साथ मनाया जाता है।

Deepika Gupta
  • Mar 29 2025 7:26PM

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से भारतीय नववर्ष की शुरुआत के साथ मनाया जाता है। यह पर्व न केवल देवी दुर्गा की उपासना के रूप में मनाया जाता है, बल्कि यह शक्ति, समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस बार चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है। इस दिन का विशेष महत्व है, और पूरे नौ दिनों तक माता दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है।

पूजा विधि

स्नान और शुद्धि: सबसे पहले घर के पूजा स्थान को स्वच्छ करें और वहां स्नान करने के बाद शुद्ध वस्त्र पहनें। यह कार्य शुद्धता की ओर इशारा करता है।

कलश स्थापना: एक कलश लें और उसमें जल भरें। इसके बाद कलश के ऊपर सुपारी, पंखा और अशोक पत्र रखें। कलश को गणेश जी और अन्य देवी-देवताओं के चित्र के पास रखें।

मां दुर्गा की पूजा: अब कलश के पास दीपक लगाएं और मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें। विशेष रूप से "ॐ दुं दुर्गायै नमः" मंत्र का जाप करें।

नव ग्रह पूजा: नौ दिनों तक नौ ग्रहों की पूजा और प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा करें।

व्रत और उपवास: नवरात्रि के दिनों में व्रत रखें और शुद्ध आहार ग्रहण करें। यदि संभव हो तो केवल फलाहार या साधारण उपवास करें।

ध्यान और मंत्र जाप: रोजाना कुछ समय देवी के मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति और आंतरिक शक्ति मिलती है।

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन, घट स्थापना का बहुत महत्व है। इस दिन देवी की पूजा के साथ-साथ घर में एक विशेष पात्र में जल भरकर उसमें कलश स्थापित किया जाता है। इस कलश को घर के पूजा स्थान पर रखा जाता है, जिससे पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इस वर्ष, घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च 2025, सुबह 6:14 से 7:53 बजे तक है। इस समय के भीतर घट स्थापना करने से विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है और पूजा का फल अधिक होता है।

नवरात्रि का महत्व

चैत्र नवरात्रि को खास तौर पर विजय की प्राप्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व रात्रि के समय शक्ति की आराधना का अवसर है, और देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें शक्ति और शौर्य का प्रतीक माना जाता है।

इस नवरात्रि पर भक्तगण देवी दुर्गा से मानसिक, शारीरिक और भौतिक शांति की कामना करते हैं। यह पर्व परिवार और समाज में एकता और सौहार्द का संदेश देता है।












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