तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले लोग और मजहब के नाम पर अपनी रोटियाँ सेंकने वाले वक्फ संसोधन बिल के पारित होने के बाद से बौखलाए हुए है। बीते तीन दिनों से देश भर इन लोगों के द्वारा विरोध प्रदर्शन और हिंसाओं का सिलसिला जारी है। मणिपुर में वक्फ संशोधन कानून का समर्थन करना भाजपा नेता असकर अली के लिए आफत बन गया।
जैसे ही असकर अली ने सोशल मीडिया पर कानून का समर्थन किया, वैसे ही उन्मादी भीड़ ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नाराज भीड़ ने न सिर्फ उनके घर में तोड़फोड़ की, बल्कि आग लगाकर उसे राख में बदल दिया। यह घटना थौबल जिले के लिलोंग इलाके में रविवार (6 अप्रैल 2025) रात हुई।
करीब रात 9 बजे मुस्लिमों की उग्र भीड़ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष असकर अली के घर के बाहर जुटी। पहले तो जमकर नारेबाजी हुई, फिर देखते ही देखते घर में तोड़फोड़ शुरू हो गई। हालात बेकाबू हुए तो हमलावरों ने घर में आग लगा दी। पुलिस मौके पर मौजूद रही, लेकिन भीड़ के सामने बेबस नजर आई।
डर के साए में नेता, माफी मांगने पर भी नहीं थमा गुस्सा
हमले के बाद असकर अली ने वीडियो जारी कर माफी मांगी और अपने पुराने बयान से पलटते हुए वक्फ संशोधन कानून का विरोध किया। लेकिन भीड़ का गुस्सा ठंडा नहीं पड़ा। हमला इस बात का संकेत है कि अब देश में लोकतांत्रिक विचार व्यक्त करना भी खतरे से खाली नहीं है।
मुस्लिम बहुल इलाकों में बवाल, सड़कें जाम
वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ इंफाल घाटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में जबरदस्त प्रदर्शन हुए। हजारों की भीड़ ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और लिलोंग में एनएच-102 को पूरी तरह जाम कर दिया। थौबल के इरोंग चेसाबा में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें भी देखने को मिलीं।
केंद्र के खिलाफ खुली बगावत, सुरक्षा बल तैनात
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार पर सीधे निशाना साधा और कहा कि वक्फ संशोधन कानून मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का हनन है। प्रशासन ने हालात को संभालने के लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं। हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।
वक्फ कानून से मच गया बवाल: जानिए पूरा मामला
गौरतलब है कि वक्फ संशोधन विधेयक हाल ही में संसद से पारित हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन चुका है। सरकार का दावा है कि इसका मकसद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाना है। लेकिन विरोधी इसे मुसलमानों के अधिकारों पर हमला बता रहे हैं।