पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस हमले में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों को उनका नाम और धर्म पूछकर बेरहमी से गोलियों से भून दिया। घटना के बाद से पूरे देश में आक्रोश और शोक की लहर है। लोग सरकार से आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इसी बीच हमले से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, वायरल हो रहे वीडियो में एक जिपलाइन ऑपरेटर का संदिग्ध व्यवहार सामने आया है। वीडियो में बताया जा रहा है कि जब आतंकवादी गोलियां चला रहे थे, तब एक जिपलाइन ऑपरेटर ने ‘अल्लाह हू-अकबर’ का नारा लगाया।
वीडियो के सामने आने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने ऑपरेटर को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। जांच एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि ऑपरेटर का हमले से कोई सीधा संबंध था या फिर यह एक लापरवाही भरी प्रतिक्रिया थी।
हमले के वक्त मौजूद पर्यटक ऋषि भट्ट ने मीडिया से बात करते हुए इस वीडियो के बारे में विस्तार से बताया। ऋषि ने कहा कि जब फायरिंग शुरू हुई, तो गोलियों की आवाज चारों ओर गूंज रही थी। ऐसे माहौल में किसी भी सामान्य व्यक्ति की पहली प्रतिक्रिया रुकने या छुपने की होती है, लेकिन जिपलाइन ऑपरेटर ने उन्हें रुकने की बजाय तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने बताया कि जब गोलियों की आवाज तेज हो गई, तो ऑपरेटर ने 'अल्लाह हू-अकबर' का नारा लगाना शुरू कर दिया, जिससे स्थिति और भी डरावनी हो गई। भट्ट ने कहा कि उन्हें उस वक्त हमले की गंभीरता का अंदाजा नहीं था, लेकिन बाद में महसूस हुआ कि यह व्यवहार सामान्य नहीं था।
ऋषि भट्ट के बयान और वायरल वीडियो के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस और एनआईए ने जिपलाइन ऑपरेटर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जांच एजेंसियां हर पहलू से मामले की जांच कर रही हैं। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि ऑपरेटर की कोई आतंकी संगठन से मिलीभगत तो नहीं थी।