इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रही जंग बद से बदतर होती नजर आ रही है।
दोनों देशों के बीच बीते शनिवार यानि 7 अक्टूबर से ही युद्ध जारी है। वहीं अब तक
1100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरी तरफ गाजा पट्टी में 400 से अधिक की
मौत हुई है। इस बीच अमेरिका ने इजरायल को समर्थन देने का ऐलान किया है। साथ ही
अमेरिका अपने युद्धक पोत और विमान भी भेज रहा है। अब पूरी दुनिया की नजर इस
विवादित इलाके पर केंद्रित हो गई है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह क्षेत्र
में फाइटर जेट स्क्वाड्रन को बढ़ावा देने के लिए एयरक्राफ्ट करियर और उसके साथ आने
वाले युद्धपोतों को पूर्वी भूमध्य सागर में भेज रहा है। यूएस सेंट्रल कमांड ने
रविवार को कहा कि शिप और प्लेन ने नई पोस्ट्स पर जाना शुरू कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
इजरायल, हमास और फिलिस्तीन। इस लड़ाई में प्रमुख तौर पर
यही तीन स्टेक होल्डर हैं। इजरायल और अरब देशों की अदावत पुरानी है। साल 1948 में जब इजरायल बना तभी से अरब देशों की इजरायल से बनती नहीं थी। जिसका नतीजा
ये हुआ कि यूनाइटेड नेशन का टू स्टेट प्लान कभी अमल में नहीं लाया जा सका। टू
स्टेट प्लान संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन और इजरायल के विवाद खत्म करने के लिए
किया था, जिसमें यहूदियों के लिए इजरायल और फिलिस्तीनियों के लिए फिलिस्तीन का
प्रावधान।
लेकिन इतिहास गवाह है कि जब-जब इजरायल पर हमले
हुए, इजरायल ने मुंहतोड़ जवाब
दिया। न सिर्फ जवाब दिया बल्कि अपनी स्थिति भी मजबूत करता गया। फिर चाहे 1967 का 6 दिन का युद्ध हो या फिर 1973 का अरब-इजरायल युद्ध। हर युद्ध में इजरायल में भौगौलिक तौर पर अपना आकार
बढ़ाता गया। फिलिस्तीनियों की जमीन खिसकती गई।