बिहार में 12 फरवरी को एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट होने वाला है. जिसे लेकर सियासी हलचल भी तेज हो गई है. वहीं सभ पार्टियां अपने विधायकों को एकजुट करने में लगी हुई है. इसी कड़ी में राजद के सभी विधायक अगले दो दिन तक तेजस्वी यादव के आवास पर रहेंगे. उनके रुकने की व्यवस्था भी की जा रही है. इनमें से अभी नीलम देवी नहीं पहुंची हैं. आरजेडी का दावा है कि वह भी यानी 11 फरवरी को तेजस्वी के आवास पर पहुंच जाएंगी.
विधानसभा में लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के पास सबसे अधिक 79 विधायक हैं. बीजेपी के पास 78 विधायक जबकि जेडीयू के पास कुल 45 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 19 तो लेफ्ट के पास 16 विधायकों का आंकड़ा है. इसके साथ ही पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के पास 4 एमएलए हैं. इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक हैं, जो नीतीश सरकार के साथ हैं.
बता दें कि आरजेडी के नेता लगातार सियासी खेला होने का दावा करते नजर आ रहे हैं. वहीं, विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने इस्तीफा देने से मना कर प्रदेश की राजनीति को और सस्पेंस में डाल दिया है.
जेडीयू कोटे से मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायकों के पास फोन आ रहे हैं. उधर, बीजेपी विधायकों को गया में जुटाया गया है. वहीं कांग्रेस को डर है बीजेपी उसके विधायकों को तोड़ सकती है लिहाजा पार्टी ने अपने विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया है.
नीतीश कुमार की एनडीए सरकार लगातार दावा कर रही है कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है और उनकी सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है. बता दें कि बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. बिहार में बहुमत जुटाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत है. सत्ता पक्ष के पास कुल मिलाकर 128 विधायक हैं जबकि विपक्षी महागठबंधन के पास कुल 114 विधायक हो रहे हैं.