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Delhi Elections 2025: दिल्ली में लागू हुई आचार संहिता, जानें राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए दिशा-निर्देशों की पूरी सूची

Code of Conduct: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान, नेताओं और उम्मीदवारों को मानने होंगे आचार संहिता के नियम।

Ravi Rohan
  • Jan 7 2025 4:29PM

EC द्वारा दिल्ली में 2025 के विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया गया है। इस घोषणा के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में आचार संहिता लागू हो गई है, जिसके चलते कई तरह की पाबंदियाँ लागू हो गई हैं। चुनाव 5 फरवरी (बुधवार) को होंगे और इसके परिणाम 8 फरवरी (शनिवार) को घोषित किए जाएंगे।

आचार संहिता के तहत क्या हैं जरूरी नियम?

आचार संहिता लागू होने के साथ ही चुनावी प्रक्रिया में कई नए नियम और मानक तय किए गए हैं। राजनीतिक दलों, नेताओं और उम्मीदवारों के लिए इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा:

1. समुदायों के बीच भेदभाव नहीं फैलाना: किसी भी राजनीतिक दल या नेता को जाति और धर्म के आधार पर मतभेद या नफरत फैलाने की अनुमति नहीं होगी।
2. आलोचना का दायरा: नेता या पार्टी अपनी नीतियों और कार्यों की आलोचना कर सकते हैं, लेकिन वे किसी के व्यक्तिगत जीवन पर टिप्पणी नहीं कर सकते।
3. धार्मिक स्थलों पर प्रचार नहीं: चुनाव प्रचार के दौरान धार्मिक स्थलों का उपयोग नहीं किया जा सकता।
4. धार्मिक भावनाओं का प्रयोग नहीं: किसी जाति या समुदाय की भावनाओं का इस्तेमाल करके वोट मांगने पर पाबंदी होगी।
5. मतदान केंद्र के आसपास प्रचार नहीं: मतदान केंद्र से 100 मीटर के अंदर प्रचार करना अवैध होगा।
6. रिश्वत और धमकी की पाबंदी: मतदाताओं को रिश्वत देना या डराना-धमकाना भी आचार संहिता के खिलाफ है।
7. 48 घंटे पहले प्रचार पर रोक: चुनाव के 48 घंटे पहले से प्रचार पर पूर्ण रूप से रोक लग जाएगी।
8. विरोध-प्रदर्शन पर नियंत्रण: राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के घर के सामने विरोध प्रदर्शन नहीं हो सकता।
9. निजी संपत्ति पर प्रचार सामग्री का प्रयोग नहीं: किसी भी व्यक्ति की निजी संपत्ति पर बिना अनुमति के पोस्टर, बैनर या नारे नहीं लगाए जा सकते।
10. दूसरे दलों के कार्यक्रम में दखल नहीं: किसी दल को दूसरे दल के कार्यक्रम में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होगी।

सत्ताधारी दल पर भी कड़े नियम

सत्ताधारी दलों के लिए भी विशेष नियम तय किए गए हैं:

1. सरकारी दौरे पर प्रचार की पाबंदी: मंत्रियों को अपने आधिकारिक दौरे के दौरान चुनाव प्रचार नहीं करने की अनुमति होगी।
2. सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग नहीं: सरकारी विमान, वाहन और कर्मचारियों का इस्तेमाल चुनावी लाभ के लिए नहीं किया जा सकता।
3. सत्ताधारी दल का एकाधिकार नहीं: हेलीपैड पर सत्ताधारी दल का एकाधिकार नहीं हो सकता।
4. सरकारी फंड का प्रचार में इस्तेमाल: सरकारी फंड से किसी भी पार्टी का प्रचार-प्रसार नहीं किया जा सकता।
5. मतदान केंद्र में प्रवेश: केवल उम्मीदवार, उनके एजेंट और सरकारी अधिकारी ही मतदान केंद्र में प्रवेश कर सकते हैं।

जुलूस निकालने के लिए क्या हैं दिशा-निर्देश?

1. पुलिस को सूचना देना अनिवार्य: किसी भी जुलूस से पहले उसके रूट, समय और स्थान की सूचना पुलिस को देनी होगी।
2. क्षेत्र की पाबंदी की जांच: जुलूस के आयोजन से पहले यह सुनिश्चित करें कि उस क्षेत्र में कोई पाबंदी तो नहीं है।
3. यातायात पर असर नहीं डालना: जुलूस का प्रबंधन इस प्रकार से करें कि यातायात प्रभावित न हो।
4. समय का समन्वय करें: अगर एक ही दिन में कई दलों के जुलूस का आयोजन हो, तो समय को लेकर पहले से समन्वय करें।
5. सड़क के दाएं किनारे से जुलूस निकालना: जुलूस को सड़क के दाएं किनारे से निकाला जाए।
6. हथियार और खतरनाक सामग्री पर रोक: जुलूस में किसी भी प्रकार के हथियार या नुक़सान पहुँचाने वाली सामग्री का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
7. पुलिस के निर्देशों का पालन: जुलूस के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देशों और सलाह का सख्ती से पालन करें।

मतदान के दिन के लिए दिशा-निर्देश

1. कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र जारी करना: सभी राजनीतिक दलों को अपने कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र प्रदान करना होगा, ताकि चुनावी प्रक्रिया में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
2.चुनाव अधिकारियों के साथ सहयोग: उम्मीदवारों और उनके समर्थकों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करना चाहिए, ताकि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सके।
3.सादा कागज पर पर्ची: मतदाताओं को दी जाने वाली पर्चियां सादे कागज पर होंगी। इनमें किसी प्रकार का चुनावी चिह्न, उम्मीदवार का नाम या पार्टी का नाम नहीं होना चाहिए।
5.शराब का वितरण प्रतिबंधित: मतदान वाले दिन और उससे 48 घंटे पहले किसी भी व्यक्ति को शराब का वितरण नहीं किया जा सकेगा, ताकि मतदान में कोई गड़बड़ी न हो।
6.प्रचार सामग्री पर प्रतिबंध: मतदान केंद्रों के पास कोई भी प्रचार सामग्री और प्रचार कार्य न किया जाए। केवल सामान्य कैंपों की अनुमति होगी, जो प्रचार से मुक्त हों।
7.वाहन का परमिट प्राप्त करें: अगर चुनाव के दिन वाहन का उपयोग किया जा रहा है, तो उसका अनुमति पत्र (परमिट) लेना जरूरी होगा, ताकि किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी से बचा जा सके।


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