इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बताया कि उपभोक्ताओं के हितों के दृष्टिगत और उनके बकाये विद्युत बिलों में लगे सरचार्ज में छूट के लिए एकमुश्त समाधान योजना लाई गयी है। यह योजना तीन चरणों में लागू की गई है, जिसका पहला चरण 31 दिसंबर को पूरा हो गया। योजना का दूसरा चरण 01 जनवरी से 15 जनवरी तक कुल 15 दिन चलेगा।
इसके पश्चात् तीसरा व अंतिम चरण 16 से 31 जनवरी तक कुल 16 दिन चलेगा। इस बार ओटीएस योजना 15 दिसंबर, 2024 से 31 जनवरी, 2025 तक अर्थात् कुल 47 दिनों तक चलेगी। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को अपने नजदीकी विद्युत् केंद्रों में पंजीकरण कराना होगा। सभी प्रकार के उपभोक्ता अपने नजदीकी विभागीय खंड, उपखंड कार्यालय, कैश काउंटर, जनसेवा केंद्र के माध्यम से या विभागीय वेबसाइट www.uppcl.org पर लॉगिन कर योजना के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण कराते समय 30 सितंबर, 2024 तक के विद्युत् बिलों के मूल बकाए का 30 प्रतिशत राशि जमा करना होगा। उपभोक्ताओं को 30 सितंबर, 2024 तक के बकाया विद्युत बिलों के सरचार्ज में छूट मिलेगी।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को एकमुश्त भुगतान के साथ किस्तों में भी भुगतान का विकल्प दिया गया है। एकमुश्त भुगतान करने पर छूट का ज्यादा लाभ मिलेगा। एक किलोवाट भार तक के तथा 05 हज़ार रुपए के मूल बकाये पर घरेलू उपभोक्ताओं को योजना के द्वितीय चरण में विलंबित बिलों के एकमुश्त भुगतान पर सरचार्ज में सर्वाधिक 80 प्रतिशत छूट का लाभ मिलेगा। किस्तों में भुगतान पर 65 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
इसी प्रकार 01 किलोवाट भार तक के घरेलू उपभोक्ता तथा 05 हजार रूपये से अधिक के मूल बकाये के एकमुश्त भुगतान पर 60 प्रतिशत और किश्तों में भुगतान पर 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। 01 किलोवाट से अधिक भार के घरेलू उपभोक्ताओं तथा वाणिज्यिक उपभोक्ताओं, निजी संस्थानों व लघु एवं मध्यम उद्योग के सभी भार तक के उपभोक्ताओं को अपने बकाये के एकमुश्त भुगतान पर 50 प्रतिशत की छूट एवं किश्तों में भुगतान पर 40 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
किसानों को उनके निजी नलकूप में 31 मार्च, 2023 तक के उनके बकाए विद्युत बिलों के विलंबित भुगतान अधिभार में छूट का लाभ लेने के लिए 07 मार्च, 2024 से पंजीकरण कराए जा रहे हैं, जिन्हें अभी इस छूट का लाभ मिलता रहेगा। योजनांतर्गत घरेलू (एलएमवी-1), वाणिज्यिक (एलएमवी-2), निजी संस्थान (एलएमवी-4बी), औद्योगिक (एलएमवी-6), और स्थायी विच्छेदित उपभोक्ता इसके दायरे में शामिल हैं। इसके तहत उपभोक्ताओं को एकमुश्त भुगतान या किश्तों में भुगतान के विकल्प दिए गए हैं। योजना के पहले चरण में एकमुश्त या किस्तों में भुगतान करने पर उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा छूट का लाभ मिला है। योजनान्तर्गत पंजीकरण के लिए नवीनतम बिजली बिल और मोबाइल नंबर अनिवार्य होगा। भुगतान भी इन्हीं माध्यमों से एकमुश्त या किश्तों में किया जा सकता है। यदि उपभोक्ता पंजीकरण के बाद तय समय सीमा में भुगतान नहीं करता, तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा, और उसका अधिभार बढ़ा दिया जाएगा। योजना विवादित और न्यायालय में लंबित प्रकरणों का समाधान भी प्रदान करती है, जिसमें उपभोक्ता को भुगतान के बाद अपना केस वापस लेने का वचन देना होगा।