वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी 13 फरवरी को लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया है। इस बिल को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 फरवरी 2025 को मंजूरी दी थी। यह नया विधेयक 1961 के पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा और भारतीय टैक्स प्रणाली को सरल, पारदर्शी तथा अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
जानकारी के अनुसार, नए बिल में टैक्स व्यवस्था को अधिक डिजिटल और सुगम बनाने के लिए कई सुधार प्रस्तावित किए गए हैं। इस बिल का उद्देश्य टैक्सपेयर्स के लिए पेनल्टी और टैक्स चोरी को रोकने के साथ-साथ टैक्स प्रक्रिया को भी सरल बनाना है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि इस बिल से ना केवल टैक्स प्रणाली में सुधार होगा, बल्कि यह भारत की आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा देगा। नया बिल टैक्सपेयरों के लिए एक बेहतर और पारदर्शी प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
नया इनकम टैक्स बिल की 10 बड़ी बातें
1. बिल के पेजों की संख्या में कमी
नए बिल में सबसे बड़ा बदलाव यह किया गया है कि इसे समझने में आसान बनाने के लिए पेजों की संख्या को घटाकर 622 किया गया है, जबकि पुराने बिल में 880 पेज थे। इसमें कुल 536 धाराएं और 23 चैप्टर शामिल हैं।
2. 'Tax Year' का नया कॉन्सेप्ट
अब तक इस्तेमाल किए जाने वाले असेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर की जगह 'Tax Year' का कॉन्सेप्ट लाया गया है। उदाहरण के लिए, 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 तक का टैक्स ईयर 2025-26 होगा, जिससे टैक्सपेयर्स को अब किसी प्रकार की कंफ्यूजन नहीं होगी।
3. स्टैंडर्ड डिडक्शन का बदलाव
नए बिल के तहत अगर आप सैलरीड हैं, तो पुराने टैक्स रिजीम के तहत 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। वहीं, नये टैक्स रिजीम में यह डिडक्शन बढ़ाकर 75,000 रुपये किया गया है।
4. टैक्स स्लैब में बदलाव
नए बिल के अनुसार, 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि 4 लाख 1 रुपये से 8 लाख रुपये तक 5 फीसदी, 8 लाख 1 रुपये से 12 लाख रुपये तक 10 फीसदी, 12 लाख 1 रुपये से 16 लाख रुपये तक 15 फीसदी और 16 लाख 1 रुपये से 20 लाख रुपये तक 20 फीसदी टैक्स लागू होगा।
5. CBDT को मिले नए अधिकार
नए टैक्स बिल में सीबीडीटी को अब स्वतंत्र रूप से नई टैक्स स्कीम्स शुरू करने का अधिकार दिया गया है। इससे नौकरशाही संबंधी देरी की समस्या को खत्म करने में मदद मिलेगी।
6. कैपिटल गेन की दरें स्थिर
शेयर बाजार में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की अवधि में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 12 महीने तक शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा, और इसकी दरें 20 फीसदी पर बनी रहेंगी। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5 फीसदी टैक्स लगेगा।
7. पेंशन और इंश्योरेंस पर छूट जारी
नए बिल में पेंशन, एनपीएस और इंश्योरेंस पर टैक्स डिडक्शन की छूट जारी रहेगी। साथ ही रिटायरमेंट फंड, ग्रेच्युटी और पीएफ कंट्रीब्यूशन पर भी टैक्स राहत मिलेगी।
8. टैक्स चोरी पर सख्त सजा
नए टैक्स बिल में टैक्स चोरी करने वालों पर सख्ती की गई है। जानबूझकर टैक्स चोरी करने वालों पर मुकदमा चलाया जा सकता है और उनकी आय छिपाने के प्रयास में उनका अकाउंट सीज किया जा सकता है। जुर्माने का प्रावधान भी कड़ा किया गया है।
9. टैक्स पेमेंट को पारदर्शी बनाने के लिए E-KYC अनिवार्य
नए टैक्स बिल के तहत टैक्स भुगतान को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य किया गया है। इसके जरिए टैक्सपेयर्स की जानकारी को अधिक सुरक्षित और सरल तरीके से हासिल किया जा सकेगा।
10. कृषि आय और धार्मिक ट्रस्ट पर टैक्स छूट
कृषि आय को कुछ शर्तों के तहत कर-मुक्त रखा गया है। इसके अलावा धार्मिक ट्रस्ट, संस्थाएं और दान में दी गई राशि पर भी टैक्स छूट मिलेगी।
नए बिल से सरकार का उद्देश्य
नए इनकम टैक्स बिल 2025 का उद्देश्य टैक्स प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सरल और टैक्सपेयर्स के अनुकूल बनाना है। यह बिल 1961 के पुराने एक्ट से कहीं अधिक स्पष्ट और विवादों से मुक्त होने की उम्मीद है।