भारत सरकार ने अवैध प्रवास और फर्जी दस्तावेजों के उपयोग के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार जल्द ही एक नया विधेयक प्रस्तुत करने जा रही है, जिसका नाम 'द इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स 2025' है। यह विधेयक संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा और इसके माध्यम से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा।
बता दें कि जो विदेशी नागरिक बिना वीजा और पासपोर्ट के भारत में प्रवेश करते हैं, उन्हें पांच साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। यह कदम अवैध प्रवास की समस्या पर काबू पाने के लिए उठाया जा रहा है, जिससे भारत की सुरक्षा और संसाधनों पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सके। सरकार का मानना है कि इस तरह के कड़े कदम अवैध आव्रजन को नियंत्रित करने में मदद करेंगे और भारत की सीमाओं को सुरक्षित बनाएंगे।
इसके अलावा, अगर कोई विदेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में प्रवेश करता है, तो उसे केवल देश से बाहर नहीं निकाला जाएगा, बल्कि उसे जेल की सजा भी हो सकती है। इस मामले में, आरोपी को कम से कम दो साल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही, 1 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी आरोपित किया जा सकता है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है कि भारत में किसी भी विदेशी नागरिक का प्रवेश केवल कानूनी तरीके से हो और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को सख्ती से रोका जाए।
यह विधेयक भारतीय नागरिकों और विदेशी नागरिकों दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे एक मजबूत और प्रभावी आव्रजन प्रणाली स्थापित होगी, जो देश के समग्र विकास और सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी।