दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मशहूर कलाकार मकबूल फिदा हुसैन की दो पेंटिंग्स को जब्त करने का आदेश दिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट साहिल मोंगा की अदालत ने प्रशासन को निर्देश दिया कि दिल्ली आर्ट गैलरी (DAG World) से हुसैन की हिंदू देवी-देवताओं को लेकर बनाई गई अपमानजनक पेंटिंग्स को तत्काल हटाया जाए।
क्या है पूरा मामला?
मकबूल फिदा हुसैन, जो 1991 में कांग्रेस सरकार के दौरान पद्म विभूषण से सम्मानित हुए थे, अक्सर अपने कला के माध्यम से हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करते थे। उनके द्वारा बनाई गई दो पेंटिंग्स दिल्ली आर्ट गैलरी में प्रदर्शित की गई थीं, जिनमें हिंदू देवताओं को आपत्तिजनक तरीके से चित्रित किया गया था। इन पेंटिंग्स को देखकर वकील अमित सचदेवा ने 9 दिसंबर 2024 को संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में हुसैन के खिलाफ केस दर्ज कराया।
पेंटिंग्स हटाने का मामला
वकील अमित सचदेवा जब कनाट प्लेस स्थित आर्ट गैलरी में गए, तो उन्होंने पेंटिंग्स को देखा और उनकी तस्वीरें खींच लीं। बाद में, जांच अधिकारियों ने गैलरी का दौरा किया, लेकिन वहां से पेंटिंग्स हटा दी गई थीं और दावा किया गया कि वे कभी वहां थीं ही नहीं। इसके बावजूद, जांच जारी रही और 21 जनवरी 2025 को कोर्ट ने पेंटिंग्स को हटाने का आदेश दिया।
पेंटिंग्स से जुड़े कानूनी पहलू
इस मामले में हुसैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 94 के तहत मामला दर्ज किया गया था। उल्लेखनीय है कि हुसैन ने 2006 में भारत छोड़कर कतर की नागरिकता ले ली थी और 2011 में लंदन में 95 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हुई।
इस विवादित घटना से एक बार फिर यह सवाल उठता है कि कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी धार्मिक आस्था का अपमान किया जा सकता है या नहीं?