भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बुधवार को महाकुंभ की सेटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें यह दिखाया गया है कि महाकुंभ के आयोजन से पहले और बाद में प्रयागराज का संगम क्षेत्र कैसे बदल चुका है। तस्वीरों में संगम पर कुंभ स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और टेंट सिटी के निर्माण की स्पष्ट झलक मिलती है।
महाकुंभ: विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन
महाकुंभ का आयोजन हर बार 12 साल के अंतराल पर होता है और इस बार 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिन तक यह महाकुंभ प्रयागराज में आयोजित हो रहा है। अब तक आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालु कुंभ में डुबकी लगा चुके हैं। यह आयोजन दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेले के रूप में जाना जाता है।
सेटेलाइट तस्वीरों से मिल रही नई जानकारी
इसरो ने बताया कि 15 सितंबर 2023 और 29 दिसंबर 2024 के बीच ली गई ईओएस-04 (आरआईसैट-1ए) 'सी' बैंड माइक्रोवेव सेटेलाइट की टाइम सीरीज तस्वीरें महाकुंभ के आयोजन स्थल और वहां बने टेंट सिटी, पोंटून पुलों तथा अन्य बुनियादी ढांचे की जानकारी प्रदान करती हैं। ये तस्वीरें विशेष रूप से महाकुंभ के लिए बनाए गए पोंटून पुलों और सहायक संरचनाओं को दर्शाती हैं।
उत्तर प्रदेश प्रशासन का सहयोग
उत्तर प्रदेश प्रशासन इन सेटेलाइट तस्वीरों का उपयोग मेला स्थल की योजना बनाने और आपातकालीन स्थिति में भगदड़ जैसी घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए कर रहा है। डॉ. प्रकाश चौहान, एनआरएससी के निदेशक, ने बताया कि रडार सेट का उपयोग किया गया क्योंकि यह बादलों के माध्यम से भी स्पष्ट चित्र प्रदान कर सकता था।
शिवालय पार्क और त्रिवेणी संगम की तस्वीरें
इन सेटेलाइट तस्वीरों में एक खास आकर्षण शिवालय पार्क की है, जो भारत के नक्शे के रूप में तैयार किया जा रहा है और 12 एकड़ में फैला है। यह पार्क महाकुंभ का एक प्रमुख आकर्षण केंद्र बनने जा रहा है। इसके अलावा, त्रिवेणी संगम की टाइम सीरीज तस्वीरें भी साझा की गई हैं, जिसमें 2023 और 2024 के बीच के बदलावों को दिखाया गया है। इन तस्वीरों में गंगा पर बने पीपा पुल भी कतारबद्ध रूप में दिखाई दे रहे हैं।