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2024 की समीक्षा: ग्रामीण विकास विभाग की बड़ी उपलब्धियां, नरेगा ने मजबूत किया गरीबों का भविष्य

नरेगा ने मजबूत किया गरीबों का भविष्य

Rashmi Singh
  • Dec 31 2024 4:57PM

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (Mahatma Gandhi NREGA) का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ावा देना है। यह अधिनियम हर वित्तीय वर्ष में ग्रामीण परिवारों को कम से कम 100 दिनों का गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करता है। इसके तहत वे वयस्क सदस्य शामिल होते हैं जो अकुशल श्रम कार्य करने के इच्छुक हैं।

महात्मा गांधी नरेगा (MGNREGS) के उद्देश्य

 1. 100 दिनों का रोजगार:
हर ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का अकुशल श्रम कार्य प्रदान करना, जिसके परिणामस्वरूप गुणवत्तापूर्ण और टिकाऊ उत्पादक परिसंपत्तियां बनाई जाती हैं।

2. गरीबों की आजीविका संसाधन मजबूत करना:
ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब वर्ग के लिए संसाधन आधार को सुदृढ़ करना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करना।

3. सामाजिक समावेशन को बढ़ावा:
सामाजिक समावेशन सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय प्रयास करना, ताकि समाज के सभी वर्गों को लाभ मिल सके।

4. पंचायत राज संस्थाओं को सशक्त बनाना:
ग्राम पंचायतों और पंचायत राज संस्थाओं की भूमिका को मजबूत बनाना, ताकि ग्रामीण विकास कार्यों में उनकी भागीदारी बढ़ सके।

महात्मा गांधी नरेगा ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास को बढ़ावा देने के लिए 2024 में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इससे न केवल ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ी है, बल्कि सामुदायिक संसाधनों और संरचनाओं का विकास भी हुआ है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) में प्रमुख पहलें और हस्तक्षेप

राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सेवा (NMMS)

महात्मा गांधी नरेगा कार्यस्थलों (व्यक्तिगत लाभार्थी कार्यों को छोड़कर) पर श्रमिकों की उपस्थिति को जियो-टैग्ड और दो समय-स्टैम्प्ड तस्वीरों के साथ दिन में दो बार कैप्चर करने में सक्षम बनाता है। नवंबर 2024 के पहले पखवाड़े में 96% और दूसरे पखवाड़े में 93% उपस्थिति NMMS ऐप के माध्यम से कैप्चर की गई।

एरिया ऑफिसर मॉनिटरिंग विजिट एप्लिकेशन

यह ऐप राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के अधिकारियों को अपनी फील्ड विज़िट ऑनलाइन रिकॉर्ड करने में मदद करता है। नवंबर 2024 तक 8.83 लाख कार्यस्थलों का निरीक्षण किया गया।

जियो-आधारित योजना और स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग

देशभर के सभी ग्राम पंचायतों के लिए जीआईएस आधारित योजना (रिज से वैली दृष्टिकोण) तैयार की गई। अब तक 2.65 लाख ग्राम पंचायतों के लिए योजना बनाई गई है।

युक्तधारा: GIS आधारित योजना उपकरण

ISRO-NRSC के सहयोग से विकसित यह पोर्टल ग्राम पंचायत स्तर पर योजना को सरल बनाता है।

SECURE ऐप

यह ऐप ग्रामीण रोजगार दरों का उपयोग करके कार्यों के अनुमान की गणना में मदद करता है।

GeoMGNREGAस्पेस टेक्नोलॉजी के उपयोग से संपत्तियों के निर्माण को "पहले", "दौरान" और "बाद में" जियो-टैग किया जाता है। अब तक 6.13 करोड़ संपत्तियां जियो-टैग की गई हैं।

जलदूत ऐप

यह ऐप ग्राम रोजगार सहायक को चयनित कुओं का जल स्तर साल में दो बार (प्री-मॉनसून और पोस्ट-मॉनसून) मापने में मदद करता है।

जनमनरेगा ऐप

इस ऐप से नागरिकों को जानकारी साझा करने और महात्मा गांधी नरेगा की कार्यान्वयन प्रक्रिया पर प्रतिक्रिया देने की सुविधा मिलती है।

मिशन अमृत सरोवर

प्रधानमंत्री ने 24 अप्रैल 2022 को यह मिशन शुरू किया। 15 अगस्त 2023 तक 68,000 से अधिक अमृत सरोवर का निर्माण/पुनर्जीवन किया गया।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)

पारदर्शिता बढ़ाने और लीकेज कम करने के लिए मजदूरी भुगतान प्रणाली में DBT अपनाया गया। 99% से अधिक भुगतान DBT के माध्यम से सीधे श्रमिकों के खातों में किए गए।

आधार पेमेंट ब्रिज सिस्टम

आधार भुगतान प्रणाली के माध्यम से लाभार्थियों के खातों में मजदूरी भुगतान किया जाता है। 99.49% सक्रिय श्रमिकों का आधार जोड़ा गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G)

"2024 तक सभी के लिए आवास" का लक्ष्य रखने वाली यह योजना अब 2 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों के निर्माण के लिए 2024-29 तक बढ़ा दी गई है। 3.33 करोड़ आवासों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिनमें से 2.68 करोड़ घर पूरे किए गए हैं।

100 दिन की कार्य योजना के तहत प्रगति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2024 को राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान एक क्लिक में 10 लाख से अधिक PMAY-G लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की। इस दिन भुवनेश्वर में प्रधानमंत्री ने "आवास+ 2024" ऐप भी लॉन्च किया।

क्षेत्रीय ग्रामीण कार्यशालाएं

आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम में क्षेत्रीय ग्रामीण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिसमें 19 राज्यों के अधिकारियों ने भाग लिया। इन कार्यशालाओं में PMAY-G की नई प्रावधानों पर चर्चा की गई।

नई पहलकदमियां और योजनाएं

ई-गवर्नेंस समाधान: AwaasSoft और AwaasApp

PMAY-G योजना को AwaasSoft और AwaasApp के जरिए मॉनिटर किया जा रहा है। ये प्लेटफॉर्म्स डेटा एंट्री, प्रगति की निगरानी और लाभार्थी उन्मुख नई पहलों को लागू करने में मदद करते हैं।

नई आय और संपत्ति मापदंड

आय सीमा को ₹10,000 से बढ़ाकर ₹15,000 किया गया। साथ ही, भूमि से संबंधित मापदंडों को भी सरल बनाया गया।

PM-JANMAN के तहत हस्तक्षेप

 पीएम-जनमन पहल के तहत 11 प्रमुख हस्तक्षेप किए गए हैं, जिनमें 9 मंत्रालय शामिल हैं। इसका उद्देश्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित परिवारों को सशक्त बनाना है। अब तक 3,47,424 मकान स्वीकृत और 70,905 मकान पूरे किए गए हैं।

तकनीकी हस्तक्षेप: ऐप और AI का उपयोग

आवास+ 2024 ऐप

यह ऐप लाभार्थियों के सर्वेक्षण, आधार-आधारित ई-केवाईसी, जियो-टैगिंग और फोटो कैप्चर जैसी सुविधाएं प्रदान करता है।

आवास सखी ऐप

यह मोबाइल ऐप लाभार्थियों को योजना की जानकारी, योग्यता और प्रश्नों के उत्तर देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

AI/ML मॉडल

 धोखाधड़ी रोकने और जानकारी सत्यापित करने के लिए AI और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY)

ग्रामीण संपर्क के लिए प्रगति

1,62,742 बस्तियों को ऑल-वेदर रोड कनेक्टिविटी प्रदान की गई है। 2024 में 19,606 किलोमीटर सड़क और 3,489 पुल बनाए गए।

PMGSY-IV के तहत नई योजना

 25,000 बस्तियों को जोड़ने के लिए 62,500 किमी सड़कों का निर्माण 2024-29 तक ₹70,125 करोड़ के कुल बजट से होगा।

ग्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग

कचरा प्लास्टिक, नैनो टेक्नोलॉजी, और जूट जैसी ग्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए 2024 में 15,783 किमी सड़क का निर्माण किया गया।

डिजिटल मैपिंग और GIS

 PM GatiShakti पोर्टल पर 24 लाख+ किमी ग्रामीण सड़कों, 7 लाख+ सुविधाओं और 10 लाख+ बस्तियों को मैप किया गया।

eMARG पोस्ट-5 DLP मॉड्यूल

15 राज्यों में यह मॉड्यूल चालू है, जिसमें 4,619 पैकेज शामिल हैं और भुगतान प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए PFMS से एकीकृत किया गया है।

राष्ट्रीय स्तर की निगरानी (NLM): योजनाओं की निष्पक्ष और नियमित समीक्षा

परिचय

राष्ट्रीय स्तर की निगरानी प्रणाली (NLM) की शुरुआत वर्ष 2003-04 में ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं की निष्पक्ष और व्यवस्थित निगरानी के उद्देश्य से की गई थी। 2014 और 2016 में इसमें सुधार किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) और डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP) को शामिल किया गया। साथ ही, 2015-16 से पंचायती राज मंत्रालय के अनुरोध पर ग्राम पंचायतों के कार्यों का समग्र मूल्यांकन भी NLM के तहत लाया गया।

NLM निगरानी प्रणाली का वर्तमान स्वरूप

वर्तमान में, 72 संस्थानों को ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय की योजनाओं की निगरानी के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इनमें से लगभग 52 राष्ट्रीय स्तर के मॉनिटर (NLMs) सक्रिय रूप से इन कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।

NLM के मुख्य कार्य

NLMs को तीन प्रकार की निगरानी के लिए नियुक्त किया जाता है:

1. नियमित निगरानी:

NLMs साल में दो चरणों में जिलों का दौरा करते हैं। प्रत्येक चरण में देश के आधे जिलों को शामिल किया जाता है ताकि पूरे देश के जिलों को सालभर में कवर किया जा सके।

वे योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करते हैं, अधिकारियों और लाभार्थियों से बातचीत करते हैं, और तैयार की गई परिसंपत्तियों का निरीक्षण करते हैं। रिपोर्ट तय समय सीमा के भीतर जमा की जाती है।

2. राज्य स्तरीय बातचीत:

NLMs संबंधित राज्य के सचिव या ग्रामीण विकास योजनाओं के प्रभारी वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करते हैं।

2024-25 के प्रथम चरण की निगरानी

सितंबर-नवंबर 2024 के दौरान नियमित निगरानी के पहले चरण में 337 जिलों में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।

कवर की गई योजनाएं:

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY)

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA)

डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP)

ग्राम पंचायतों के विकास कार्यक्रम

निगरानी प्रणाली की भूमिका

राष्ट्रीय स्तर की निगरानी प्रणाली का उद्देश्य न केवल योजनाओं के निष्पक्ष और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है, बल्कि लाभार्थियों तक समय पर लाभ पहुंचाना भी है। यह प्रक्रिया ग्रामीण भारत में समग्र विकास और पारदर्शिता को बढ़ावा देती है।

योजनाओं की विशेष निगरानी: गहन मूल्यांकन और रिपोर्टिंग

विशेष योजनाओं की निगरानी

राष्ट्रीय स्तर के मॉनिटर (NLMs) को विशिष्ट योजनाओं या उनके विशेष पहलुओं की गहन समीक्षा के लिए नियुक्त किया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत, मॉनिटर्स को संबंधित योजना के मुद्दों और प्रक्रियाओं पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। यह प्रक्रिया ग्रामीण विकास सचिव (RD) की स्वीकृति के आधार पर आयोजित की जाती है।

विशेष निगरानी हर वर्ष सीमित संख्या में आयोजित की जाती है।

इसका उद्देश्य कार्यक्रम के विशिष्ट पहलुओं की गहराई से समीक्षा करना है।

शिकायतों और जांच का समाधान

यदि किसी योजना के तहत धन के दुरुपयोग या अनियमितताओं की शिकायतें जनता, जनप्रतिनिधियों या NGOs से प्राप्त होती हैं, तो NLMs को तथ्यों की जांच और प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करने के लिए नियुक्त किया जाता है।

इन रिपोर्ट्स को संबंधित कार्यक्रम विभागों को कार्रवाई के लिए भेजा जाता है।

फरवरी 2024 में ओडिशा के 10 जिलों में PMAY-G योजना के तहत अनियमितताओं की 10 शिकायतों की जांच NLMs द्वारा की गई।

राष्ट्रीय स्तर की निगरानी प्रणाली का पुनर्गठन

20 वर्षों की कार्य प्रणाली का आकलन

राष्ट्रीय स्तर की निगरानी प्रणाली पिछले 20 वर्षों से काम कर रही थी। इस प्रणाली के तहत ग्रामीण विकास और निगरानी एवं मूल्यांकन गतिविधियों में अनुभव रखने वाले संस्थानों का उपयोग किया गया था।
हालांकि, हाल के वर्षों में कुछ गुणवत्ता संबंधी समस्याएं सामने आईं, जैसे:

रिपोर्ट में निष्पक्षता और समझ की कमी।

रिपोर्ट में व्यक्तिगत पूर्वाग्रह।

प्रतिष्ठित संस्थानों और बड़े संगठनों की भागीदारी में कमी, जो अपर्याप्त पारिश्रमिक के कारण सक्रिय नहीं थे।

नई व्यवस्था के मुख्य उद्देश्य

योजनाओं के कार्यान्वयन की विस्तृत जानकारी और गहन विश्लेषण सुनिश्चित करना।

डेटा संग्रहण के उपकरणों और कार्यप्रणाली में आवश्यक सुधार।

प्रणाली को अधिक मजबूत, प्रतिक्रियाशील, गुणवत्तापूर्ण और उपयोगी बनाना।

पुनर्गठन के तहत मुख्य सुधार

 1. जिलों की निगरानी का विस्तार:

 नियमित निगरानी के तहत अब 600 जिलों के बजाय सभी जिलों को एक वित्तीय वर्ष में शामिल किया जाएगा।

2. पारिश्रमिक दरों में वृद्धि:

 NLMs के लिए पारिश्रमिक दरों में उचित वृद्धि की गई है।

3. डेटाबेस प्रबंधन:

डेटा प्रबंधन का कार्य नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) को सौंपा गया।

4. नई सहायता एजेंसी:

भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA), नई दिल्ली को 31 मार्च 2025 तक एक वर्ष की अवधि के लिए नई सहायता एजेंसी के रूप में चुना गया है।

5. नए NLMs का चयन:

120 संस्थागत और 40 व्यक्तिगत NLMs के चयन के लिए Expression of Interest (REOI) की प्रक्रिया दिसंबर 2024 तक पूरी होने की उम्मीद है।

 दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM): ग्रामीण गरीबी उन्मूलन की दिशा में कदम

परिचय

दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) को जून 2011 में शुरू किया गया। यह ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) की एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों (SRLMs) के साथ मिलकर कार्यान्वित किया जाता है।

इस योजना का उद्देश्य है: "गरीब परिवारों को लाभकारी स्व-रोजगार और कुशल मजदूरी रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्रदान करना, जिससे उनकी आजीविका में स्थायी सुधार हो।" मिशन का लक्ष्य मजबूत सामुदायिक संस्थानों के निर्माण के माध्यम से यह उद्देश्य प्राप्त करना है।

मुख्य घटक

 1. संस्थान निर्माण और क्षमता निर्माण

स्वयं सहायता समूह (SHG), गांव संगठन (VO), और क्लस्टर लेवल फेडरेशन (CLF) जैसे सामुदायिक संस्थानों का निर्माण।

इन समूहों के माध्यम से ग्रामीण गरीबों को आपसी सहयोग, बचत और ऋण प्राप्त करने का मंच मिलता है।

यह सामूहिक संसाधनों का उपयोग कर गरीबी को कम करने में मदद करता है।

2. सामाजिक समावेशन और सामाजिक विकास

सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार (SBCC) के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को स्वस्थ आदतें अपनाने और सरकारी सेवाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन, पोषण अभियान आदि का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना।

फोकस क्षेत्र:

भोजन और पोषण (Food and Nutrition)

स्वास्थ्य (Health)

जल, स्वच्छता और हाइजीन (WASH)

लैंगिक समानता और PRI-CBO समन्वय।

3. वित्तीय समावेशन

 ग्रामीण गरीबों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना।

महिला BC सखियों को तैनात कर दूरदराज के क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं, ऋण, और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं जैसे पेंशन और बीमा प्रदान करना।

4. आजीविका संवर्धन

 कृषि आधारित आजीविका:

 महिलाओं को कृषि-आर्थिक प्रथाओं, पशुपालन, और बेहतर बाजार पहुंच के माध्यम से सशक्त बनाना।

प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाना और लागत घटाना।

गैर-कृषि आधारित आजीविका:

 कृषि के अलावा, महिलाओं को हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, और लघु-स्तरीय उत्पादन जैसे क्षेत्रों में माइक्रो-उद्यम स्थापित करने में मदद करना।

भूमिहीन ग्रामीण महिलाओं को आय-सृजन गतिविधियों में संलग्न करना।

स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर छोटे उद्यमों को बढ़ावा देना।

DAY-NRLM ग्रामीण भारत में गरीबी उन्मूलन के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है, बल्कि समुदायों में सामाजिक समावेशन और सतत विकास के लिए एक आधारशिला रखती है।

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