उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में शिव मंदिर को तोड़ कर बनाई जामा मस्जिद में हुई हिंसा के दौरान चार लोगों की जान चली गई, इसके बाद से पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कड़ी रणनीति तैयार की है। घटना के बाद से प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है और अब कोई चूक न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
29 नवंबर को पेश की जाएगी सर्वे रिपोर्ट
बीते 19 नवंबर को चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में मस्जिद के अंदर हिन्दू पक्ष द्वारा हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया था। अदालत ने इस मामले में सुनवाई और सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए 29 नवंबर की तारीख निर्धारित की थी। अब 29 नवंबर को अदालत में दोनों पक्ष अपनी बात रखेंगे और साथ ही जामा मस्जिद में जुमा की नमाज भी होगी। इस स्थिति को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है।
हिंसा के बाद बढ़ी सुरक्षा की जरूरत
संभल में हुई हिंसा में सात लोगों की जान गई थी और कई पुलिसकर्मी तथा प्रशासनिक अधिकारी घायल हुए थे। इस हिंसा के बाद, जामा मस्जिद में होने वाली जुमा की नमाज के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं बरती जा सकती। इस चुनौतीपूर्ण माहौल को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने चंदौसी और संभल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।
सुरक्षा के लिए तीन स्तर की व्यवस्था
जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा को लेकर तीन स्तर की व्यवस्था की जा रही है। पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान मस्जिद के आसपास तैनात रहेंगे। इसके साथ ही, दमकल और अन्य सुरक्षा अधिकारियों की भी तैनाती की जाएगी। मस्जिद के सभी रास्तों पर बेरिकेडिंग की जाएगी ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
नमाजियों पर कड़ी नजर
जुमा की नमाज के दौरान मस्जिद में आने वाले नमाजियों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई अराजक तत्व नमाजियों के बीच घुसकर स्थिति बिगाड़ने की कोशिश न करें। इस सिलसिले में शहर के काजी कारी अलाउद्दीन ने अपील की है कि लोग अपने-अपने क्षेत्र की मस्जिदों में ही नमाज पढ़ें और जामा मस्जिद आने की कोशिश न करें।
कचहरी में भी बढ़ाई गई सुरक्षा
चंदौसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में मस्जिद से संबंधित मामले की सुनवाई होगी, जिसमें वादी पक्ष, मस्जिद के पक्षकार और अधिवक्ता कमिश्नर भी मौजूद होंगे। इसके लिए जजी परिसर के चारों ओर पुलिस और पीएसी की तैनाती की जाएगी। कचहरी में प्रवेश के लिए दो मुख्य द्वारों में से एक बंद रखा जाएगा और आवास विकास की ओर से आने वाले गेट से ही अधिवक्ताओं को प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें अपना आई कार्ड दिखाना होगा और प्रवेश तभी दिया जाएगा जब उनकी पहचान पूरी तरह से सुनिश्चित हो जाएगी।
जामा मस्जिद और अदालत में होने वाली गतिविधियों के दौरान सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। मस्जिद के पास 3 स्तरीय सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की हिंसा या अराजकता को रोका जा सके। जुमा की नमाज और अदालत की सुनवाई दोनों ही महत्वपूर्ण घटनाएं हैं, जिनके लिए विशेष सुरक्षा कदम उठाए जा रहे हैं।