सफला एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह विशेष दिन भगवान श्री विष्णु की उपासना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। एकादशी का व्रत विशेष रूप से श्रद्धालु जनों के लिए उनके जीवन में सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का अवसर प्रदान करता है। सफला एकादशी का नामकरण 'सफलता' से हुआ है, क्योंकि इस दिन व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तो जानिए श्री हरि विष्णु को क्या-क्या भोग लगाएं।
इस दिन विशेष रूप से श्री विष्णु के प्रति श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त किया जाता है। भक्तजन इस दिन उपवास रखते हैं और विशेष पूजन विधि का पालन करते हैं। सफला एकादशी का व्रत जीवन में खुशहाली, संपत्ति और समृद्धि के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है।
भोग का महत्व
सफला एकादशी पर श्री विष्णु को कुछ विशेष चीजों का भोग अर्पित करने का महत्व है। इसके द्वारा भक्त भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम का प्रदर्शन करते हैं और साथ ही अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इन विशेष भोगों का सेवन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी संकट समाप्त हो जाते हैं।
इन चीजों का अर्पित करें भोग
पंचामृत – पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण होता है। इसे भगवान विष्णु को अर्पित करने से आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह भोग विशेष रूप से पवित्रता और समृद्धि को बढ़ाने वाला माना जाता है।
फल और मेवे – सफला एकादशी के दिन विशेष रूप से फल, जैसे केले, नारियल और ताजे फल भगवान विष्णु को अर्पित किए जाते हैं। ये भोग भगवान की कृपा को आकर्षित करते हैं।
फल – विशेष रूप से नारियल को भगवान विष्णु को अर्पित करना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह समृद्धि और आशीर्वाद का प्रतीक है।
चंदन और तुलसी – चंदन की लकड़ी और तुलसी के पत्ते श्री विष्णु को अर्पित करना इस दिन के अनिवार्य कार्यों में शामिल है। तुलसी के पत्ते भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं।
संगठित आहार – इस दिन रात्रि के समय विशेष रूप से "हरिविष्णु" का ध्यान करते हुए एक पारंपरिक आहार या व्यंजन अर्पित करना भी पुण्य फल देने वाला होता है।
व्रत और पूजन विधि
सफला एकादशी का व्रत संपूर्ण दिन उपवास रखने का होता है, और रात को जागरण कर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन विशेष रूप से श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, भगवद गीता का पाठ और मंत्रोच्चारण से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। एकादशी के दिन दान भी अत्यंत फलदायी माना जाता है।