इनपुट- ज्ञानेश लोहानी, लखनऊ
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एल०डी०ए०) के प्लाटों के फर्जी कागजात व मालिक बनाकर उन्हें फर्जी तरीके से लोगों को बेचने वाले गैंग के 6 सदस्य जनपद लखनऊ से गिरफ्तार हुए हैं।
उपर्युक्त मामले में एसटीएफ द्वारा जाँच की जा रही थी। जांच के क्रम में अभिसूचना संकलन व अन्य जानकारी जुटाने पर पाया गया कि जनपद लखनऊ में एक गिरोह सक्रिय है जो लखनऊ विकास प्राधिकरण के कई वर्षों से खाली पडे प्लाटों को चिन्हित कर उसके बारे में जानकारी निकालकर उसका नकली कागजात तैयार करके फर्जी तरीके से लोगों को बेच दिया जाता है। गिरफ्तार अभियुक्त अचलेश्वर गुप्ता से विस्तृत पूछताछ करने पर बताया कि उसका एक गिरोह है। इस गिरोह द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण के कई वर्षों से खाली पडे प्लाटों को चिन्हित कर उसके बारे में जानकारी निकालकर उसका कूटरचित कागजात तैयार करके फर्जी तरीके से लोगों को बेच दिया जाता है।
यह लखनऊ विकास प्राधिकरण के कुछ बाबूओं से मिलकर काफी दिनों से खाली प्लाटों के बारे में जानकारी करके उसके असली मालिक का पता करता है। उन खाली प्लाटों के असली मालिकों के नाम से फर्जी आधार कार्ड व अन्य प्रपत्र तैयार कराकर किसी अन्य व्यक्ति को उस प्लाट की रजिस्ट्री करवा देते हैं। अब तक लगभग 70-80 प्लाटों को बेचा गया है। उसके साथ इस काम में राम बहादुर सिंह, सचिन सिंह, मुकेश मौर्या, राहुल सिंह साथ देते हैं। राम बहादुर सिंह प्लाट के फर्जी कागज तैयार करता हैं। सचिन सिंह प्लाट को खरीदने वाली पार्टी लाता है। मुकेश मौर्या प्लाट मालिक का आधार कार्ड व अन्य जरूरी कागज तैयार करता है। राहुल सिंह गवाह तैयार करता है। इसके अतिरिक्त यह लखनऊ के कई अन्य भूमाफियाओं को भी फर्जी रजिस्ट्री के कागजात बना कर दिया हैं। जिनके सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है।