उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में पुलिस ने मंगलवार (11 मार्च 2025) को विश कम्बोज नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया है। विश कम्बोज पर आरोप है कि उसने अपने साथियों संग पूर्व में मृत पशुओं की हड्डियाँ सड़क पर रख कर जिले का माहौल खराब करने की कोशिश की। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद वामपंथी और इस्लामी हैंडलों द्वारा गौ रक्षकों के साथ हिन्दू संगठन विरोधी पोस्ट/कमेंट की बाढ़ सी आ गई। वामपंथी और इस्लामी हैंडलों का दावा है कि सहारनपुर जिले में एक हिन्दू युवक ने मुस्लिमों को फँसाने के लिए गाय की हड्डियाँ सड़क पर रख कर हंगामा किया। कुछ घोर एंटी हिन्दू मानसिकता वालों ने तो इस मामले में यहाँ तक दावा कर डाला कि पकड़ा गया आरोपित विश कम्बोज भारतीय जनता पार्टी का सदस्य है। सुदर्शन न्यूज़ ने जब इस मामले की ग्राउंड जीरो से पड़ताल की तो यह हंगामा असलियत में एक हिन्दू विरोधी प्रोपोगेंडा साबित हुआ।
क्या है पूरा मामला
दरअसल विश कम्बोज नाम के एक युवक ने 11 मार्च को सहारनपुर के सरसावा थानाक्षेत्र में कुछ पशुओं के कंकाल को ले कर सड़क पर जाम लगा दिया। नारेबाजी के बीच वह इलाके में गोकशी बढ़ने और कुछ लोगों पर गोहत्या करने का आरोप लगा रहा था। पुलिस ने प्रथम दृष्टया पाया कि विश कम्बोज द्वारा रखी गई हड्डियाँ काफी पुरानी हैं। विश को हिरासत में ले कर पूछताछ की गई तो सारा सच बाहर आ गया।
पूछताछ में विश कम्बोज की सारी कहानी मनगढ़ंत पाई गई। पुलिस ने विश कम्बोज को विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार कर लिया है। मामले में जाँच और अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई जारी है।
गिरफ्तारी पर हिन्दू विरोधी प्रोपोगेंडा
सहारनपुर पुलिस की इस कार्रवाई को सकारात्मकता के बजाय वामपंथी और इस्लामी हैंडलों ने नकारात्मक तौर पर लिया। 2 दिनों के अंदर कई हैंडलों से ट्वीट आदि कर के यह साबित किया जाने लगा कि हिन्दू युवक ने मुस्लिमों को फँसाने के लिए गाय काट कर रख दी। कई जगहों पर विश कम्बोज को भारतीय जनता पार्टी का सदस्य बताया गया। इसी बहाने हिन्दू संगठन के सदस्यों को कटघरे में खड़ा किया जाने लगा और उनकी निष्ठा पर सवाल उठाए जाने लगे।
सहारनपुर का BJP नेता और हुनूदी संगठन (हिंदू योद्धा परिवार) का संस्थापक चौधरी विश सिंह कांबोज ने गाय के चार कटे सर (कंकाल) रखकर हाईवे जाम कर दिया..
विश महज मोहरा, मास्टरमाइंड टीपू कुरैशी
एकतरफा कहानी गढ़ते हिन्दू विरोधियों ने सहारनपुर पुलिस द्वारा किए गए खुलासे की सबसे अहम बात छिपा ली। पुलिस ने स्पष्ट तौर पर बताया है कि विश कम्बोज को सड़क पर हंगामा करने के लिए टीपू कुरैशी नाम के एक व्यक्ति ने 50 हजार रुपए की सुपारी दी थी। एडवांस के साथ कुरैशी ने ही विश कम्बोज को वो हड्डियाँ उपलब्ध करवाई थी जिसे गोवंश का बताया जा रहा है। जिस मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को गोकशी में फँसाने की साजिश हुई थी उसकी शत्रुता विश कम्बोज नहीं बल्कि अपने ही हम-मजहब टीपू कुरैशी से थी।
सुदर्शन न्यूज़ ने टीपू कुरैशी के बारे में और अधिक जानकारी जुटाई। टीपू कुरैशी जिले के मुस्लिम बहुल इलाके 62 फुटा रोड पर यामीन मस्जिद के पास रहता है। विश कम्बोज टीपू कुरैशी का एक मोहरा मात्र पाया गया है। शहर को साम्प्रदायिक तनाव की आग में झोंकने के लिए मोहरा बने विश कम्बोज ने जो करतूत की उसका ताना-बना टीपू कुरैशी ने ही बुना था। हालाँकि वामपंथी और इस्लामी हैंडल इस बात को छिपा गए कि यह विवाद मुस्लिम बनाम मुस्लिम था जिसमें विश कम्बोज का दुरूपयोग किया गया।
हिन्दू संगठनों का विश के खिलाफ बहुत पहले से विरोध
सुदर्शन न्यूज़ ने विश कम्बोज के बारे में जमीनी पड़ताल की। इसी पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि विश कम्बोज का सहारनपुर जिले के तमाम हिन्दू संगठनों के साथ गौ रक्षकों से आए दिन विवाद चलता रहता है। कुछ माह पूर्व ही जिले के एसएसपी ऑफिस में विश कम्बोज और बजरंग दल के सदस्यों में नोकझोंक हुई थी। एक स्थानीय गौरक्षक विजयकांत चौहान से विश कम्बोज का कई बार विवाद हो चुका है। हिन्दू संगठनों और विश कम्बोज के बीच कई बार मुकदमेबाजी भी हुई है।
हमसे बातचीत के दौरान विजयकांत चौहान ने आरोप लगाया कि विश कम्बोज की कई गोतस्करों से साठगाँठ है। उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में कई ऑडियो रिकार्डिंग होने का भी दावा किया है जो विश कम्बोज और गोतस्करों के बीच की बताई जा रही है। सुदर्शन न्यूज़ को भी कुछ ऑडियो क्लिप भेजी गई हैं। हालाँकि हम इन ऑडियो रिकार्डिंग की पुष्टि नहीं करते। नाम न छापने की शर्त पर कुछ स्थानीय हिन्दू संगठन के सदस्यों ने हमसे यहाँ तक बताया कि विश कम्बोज असल में मुस्लिम समुदाय के कुछ उन लोगों द्वारा खड़ा किया गया चेहरा है जो गोहत्या जैसे अपराधों में संलिप्त हैं।
प्रोपोगेंडा का सार
अगर सारांश में पूरे मामले को समझा जाए तो होली से पहले सहारनपुर को हिंसा की आग में टीपू कुरैशी झोंकना चाहता था। इस काम के लिए उसने सहारनपुर जिले के हिन्दू संगठनों धुर विरोधी विश कम्बोज को सुपारी के साथ पशुओं की हड्डियाँ भी उपलब्ध करवाई थी। विश कम्बोज अपना संगठन हिन्दुओं के नाम से चलाता है। वह माथे पर टीका आदि भी लगाता है। ऐसे में उसे एक हिंदूवादी के तौर पर पेश करने में टीपू कुरैशी जैसे आकाओं को आसानी होती थी।
मामले का खुलासा होने के बाद से टीपू कुरैशी कुरैशी फरार है जिसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही टीपू कुरैशी को पकड़ भी लिया जाएगा। इसके राजनैतिक बेशर्मी भी कहा जा सकता है कि विश कम्बोज के साथ होली शब्द बार-बार लाया गया लेकिन टीपू कुरैशी का नाम अब तक नहीं लिया गया। टीपू के साथ रमज़ान का महीना शब्द भी अब तक किसी ने नहीं लिखा है।