मध्य एशिया में स्थित, हाइड्रोकार्बन के प्रचुर भन्डार से युक्त तथा फरगना घाटी कि सीमा को उजबेकिस्तान और ताजिकस्तान के साथ लगता हुआ ,भारत के लिए एक महत्वपूर्ण राष्ट्र हैं। भारत और किर्गिज़स्तान के विशेष बलों के संयुक्त अभ्यास KHANJAR-XII का 12वां संस्करण आज टोकमोक, किर्गिज़स्तान में संपन्न हुआ।
यह अभ्यास 10 मार्च 2025 को शुरू हुआ था और इसमें दोनों देशों की विशेष बलों ने उच्च-ऊंचाई वाले युद्ध, आतंकवाद विरोधी रणनीतियों और आपसी तालमेल बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
इस अभ्यास में भारत के पैराशूट रेजीमेंट (स्पेशल फोर्सेस) और किर्गिज़ की स्कॉर्पियन ब्रिगेड के सैनिकों ने मिलकर कई जटिल युद्धाभ्यास किए। इन अभ्यासों में स्नाइपिंग, जटिल भवन में प्रवेश, पर्वतीय युद्ध कला और आतंकवाद विरोधी विशेष प्रशिक्षण शामिल थे। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य दोनों देशों के विशेष बलों के बीच आपसी समन्वय और विशेषज्ञता को मजबूत करना था।
KHANJAR-XII का एक विशेष आकर्षण नवरोज़ (नई साल) का उत्सव था, जो दोनों देशों के सैनिकों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर था। इस दौरान दोनों देशों के कर्मियों ने एक-दूसरे की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को साझा किया, जिससे आपसी समझ और मित्रता को भी बल मिला, नवरोज़ उत्सव इस युद्धाव्यास का मुख्य आकर्षण नवरोज उत्सव रहा, जो आपसी सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने में सहायक रहा।
समारोह के दौरान किर्गिज़ रक्षा मंत्रालय द्वारा दो भारतीय सैनिकों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पदक प्रदान किए गए, जबकि दो अन्य को उनके उच्चतम पेशेवर मानकों के लिए प्रशंसा पत्र मिले। इस कार्यक्रम में दोनों देशों के रक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ अन्य मित्र राष्ट्रों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। यह समारोह इस बात का प्रतीक था कि KHANJAR-XII क्षेत्रीय स्थिरता और रक्षा सहयोग को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
भविष्य कि राह
अंतिम समीक्षा बैठक में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और भविष्य में और अधिक सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। इस अभ्यास के सफल समापन ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत और किर्गिज़स्तान दोनों ही अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत हैं।