सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को आर्थिक सहयोग करे

Donation

बिजली के निजीकरण के विरोध में काली पट्टी बांधने का अभियान रहेगा जारी, संघर्ष समिति का बड़ा ऐलान

15 जनवरी को भी पूरे दिन बिजली कर्मी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और भोजनावकाश या कार्यालय समय के उपरान्त सभी जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभाएं करेंगे।

Rajat Mishra
  • Jan 14 2025 10:43PM

इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ

       
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आवाहन पर बिजली के निजीकरण के विरोध में काली पट्टी बांधने का अभियान पूरे सप्ताह जारी रहेगा। 15 जनवरी को भी पूरे दिन बिजली कर्मी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और भोजनावकाश या कार्यालय समय के उपरान्त सभी जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभाएं करेंगे।
         
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आज जारी बयान में कहा कि निजीकरण हेतु पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा जारी बिडर के चयन के आर एफ पी डॉक्यूमेंट को पढ़ने पर साफ हो जाता है की बिजली के निजीकरण को लेकर बड़े घोटाले की तैयारी है। उन्होंने कहा कि निजीकरण हेतु समय सीमा पर बहुत स्ट्रिक्ट रहने की बात बार बार लिखी गई है जिससे यह स्पष्ट है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन का उद्देश्य सुधार नहीं अपितु कैसे भी जल्दी से जल्दी निजीकरण करना है। बिजली व्यवस्था में सुधार का पूरे आर एफ पी डॉक्यूमेंट में एक बार भी उल्लेख नहीं किया गया है।
        
संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन विगत दो माह से कह रहा है कि कोई निजीकरण नहीं किया जा रहा है। सुधार हेतु केवल निजी क्षेत्र की भागीदारी का निर्णय है किन्तु आर एफ पी डॉक्यूमेंट में साफ लिखा है कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम एवं पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का पी पी पी मॉडल पर निजीकरण किया जाना है जिसमें निजी कम्पनी की बहुसंख्यक इक्विटी और प्रबंधन नियंत्रण होगा। यह साफ तौर पर 42 जनपदों की बिजली व्यवस्था का पूरी तरह निजीकरण है। 
       
संघर्ष समिति ने कहा कि बिडर का चयन क्वालिटी एंड कॉस्ट बेस्ड सिलेक्शन के आधार पर किया जा रहा है जिसमें चयन का अधिकार लगभग प्रबंधन के पास होता है ।ऐसा लगता है प्रबंधन ने पहले से ही नाम तय कर रखा है और टेंडर एक औपचारिकता मात्र है।
            
संघर्ष समिति ने कहा कि ऊर्जा जैसे अति महत्वपूर्ण क्षेत्र में निजीकरण की जिद करके निजीकरण थोपना किसी भी प्रकार प्रदेश के और पावर सेक्टर के हित में नहीं है। यदि जबरिया निजीकरण थोपा गया तो इसके इतने भयानक दुष्परिणाम होंगे जिसकी प्रबंधन में बैठे हुए आईएएस अधिकारियों को कोई कल्पना नहीं है। आम जनता के और बिजली कर्मचारियों के हित में संघर्ष समिति निजीकरण वापस होने तक अपना संघर्ष जारी रखेगी।

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

संबंधि‍त ख़बरें

ताजा समाचार