इनपुट- ज्ञानेश लोहानी, लखनऊ
यूपी एसटीएफ को फर्जी दस्तावेज के आधार पर वर्ष-1995 से परिचारक पद पर नियुक्ति पाकर नौकरी करने वाले फर्जी परिचारक को जनपद देवरिया से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई है। दरअसल एस0टी0एफ0 उ0प्र0 को फर्जी दस्तावेज के आधार पर शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाने वाले व्यक्तियों के बारे में शिकायतें प्राप्त हो रही थी।
इसी क्रम में हरी प्रसाद पुत्र पतरू प्रसाद निवासी ग्राम-बखरा, पोस्ट बखरा, थाना गौरी बाजार, जनपद देवरिया के बारे में शिकायत प्राप्त हुई कि यह फर्जी/कूटरचित दस्तावेज के आधार नियुक्ति पाकर नौकरी कर रहा है। उक्त शिकायत की जॉच धर्मेश कुमार शाही, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ उ0प्र0 लखनऊ के पर्यवेक्षण में निरीक्षक सत्यप्रकाष सिंह एसटीएफ फील्ड इकाई, गोरखपुर द्वारा की जा रही थी। जॉच के क्रम में कार्यालय जिला विद्यालय निरीक्षक, देवरिया से हरी प्रसाद के समस्त अभिलेख प्राप्त करके उसका सत्यापन कराया गया। प्राप्त अभिलेखों के सत्यापन पर इसके जन्मतिथि में भिन्नता पाई गयी और इसी कूटरचित दस्तावेज के आधार पर हरी प्रसाद बखरा इण्टर कालेज, बखरा, गौरी बाजार, जनपद देवरिया मेें परिचारक के पद पर नियुक्ति पाया था। इसी क्रम में निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में उ0नि0 यशवंत सिंह, मु0आ0 आशुतोष कुमार तिवारी, मु0आ0 महेन्द्र प्रताप सिंह, मु0आ0 अशोक कुमार सिंह, मु0आ0 मो0 इमरान खान की टीम द्वारा हरी प्रसाद को बखरा इण्टर कालेज, बखरा से गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि इसने टी0सी0 में अपने वास्तविक जन्मतिथि के स्थान पर कूटरचित तरीके से जन्मतिथि को कम दिखाते हुए फर्जी प्रमाण-पत्र (टी0सी0) तैयार करा लिया था। जिससे कि यह अधिक दिन तक नौकरी करे और वेतन (वित्तीय लाभ) प्राप्त कर सके।