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कृषि सांख्यिकी में सुधार की योजना में पंजाब को भी किया शामिल, शिवराज सिंह चौहान बोले- मिलेगी हरसंभव मदद

स्वीकृति पत्र के आधार पर पंजाब को कृषि सांख्यिकी में सुधार (आईएएस) योजना में शामिल करते हुए एसएएसए के तहत परियोजना निगरानी इकाई स्थापित करने की अनुमति दी गई.

Geeta
  • Jul 19 2024 12:07PM

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ बैठक की. शिवराज सिंह चौहान ने कृषि भवन, दिल्ली में पंजाब के कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, डेयरी विकास तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री, गुरमीत सिंह खुदियां के साथ बैठक की.

इस दौरान बैठक में राज्य में किसानों के विकास समेत कई विषयों पर सकारात्मक चर्चा हुई. बैठक के दौरान पंजाब द्वारा रखे गए राज्य कृषि सांख्यिकी प्राधिकरण से जुड़े प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्री की ओर से मंजूरी का पत्र दिया गया. 


स्वीकृति पत्र के आधार पर पंजाब को कृषि सांख्यिकी में सुधार (आईएएस) योजना में शामिल करते हुए एसएएसए के तहत परियोजना निगरानी इकाई स्थापित करने की अनुमति दी गई. यह पहल कृषि सांख्यिकी प्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है.

बता दें कि, इसके अंतर्गत आईएएस के कार्यों में शामिल कर्मचारियों के लिए 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता के साथ धनराशि जारी करने का प्रावधान रखा गया. बैठक में कृषि सचिव, श्री संजीव चोपड़ा सहित वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.


मौके पर मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, किसानों को ड्रेगन फ्रूट, कीनू आदि उगाने सहित बागवानी एवं अन्य फसलों के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जिससे पराली की समस्या भी कम होगी और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. बैठक में फसल अवशेष प्रबंधन योजना के कार्यान्वयन को लेकर भी चर्चा हुई और इस बात पर जोर दिया गया कि पर्यावरण के हित में गंभीरता से साथ मिलकर काम करने की जरूरत है.


वहीं इससे पहले पंजाब के कृषि मंत्री ने शिवराज सिंह चौहान के साथ मुलाकात करने के बाद बताया कि मौजूदा बी.जी-2 कपास के बीजों को उन्नत बीजों से बदलने की जरूरत है. ऐसा इसलिए ताकि इस फसल को कीड़ों के हमलों के प्रति प्रतिरोधी बनाया जा सके. इस समय के दौरान गुरमीत सिंह खुड्डियां ने राज्य एग्रीकल्चरल स्टेटिस्टिक्स अथॉरिटी को मंजूरी देने के लिए शिवराज सिंह को धन्यवाद भी दिया है. 


बता दें कि यह अथॉरिटी राज्य में कृषि क्षेत्र में योजना, निगरानी, मूल्यांकन, अनुसंधान एवं विकास के लिए वरदान साबित होगी. 
सीआरएम योजना के बारे में राज्य की बड़ी चिंता को उजागर करते हुए गुरमीत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान सीआरएम योजना के तहत फंड उपलब्ध कराने संबंधी हिस्से को 60:40 कर दिया गया है. पहले यह केंद्र का 100 प्रतिशत हिस्सा होता था

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