इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ
बिजली के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज पांचवें दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में काली पट्टी बांधकर विरोध सभाएं की। संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में अगले सप्ताह भी काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय लिया है।
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है की निजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करने हेतु पावर कार्पोरेशन प्रबंधन कंसल्टेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया तत्काल रद्द करे अन्यथा अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बन रहा है जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबंधन की है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पी.के.दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो इलियास, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय, विशम्भर सिंह एवं राम निवास त्यागी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया के तहत आगामी 23 जनवरी को शक्ति भवन में प्री बिडिंग कांफ्रेंस करने जा रहा है।
संघर्ष समिति ने कहा कि जहां एक ओर निजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ होने से बिजली कर्मियों में पहले से ही भारी गुस्सा व्याप्त है वहीं दूसरी ओर विद्युत वितरण निगमों को बेचने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने हेतु प्री बिडिंग कांफ्रेंस के समाचार से बिजली कर्मियों का आक्रोश और बढ़ गया है। संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि प्री बिडिंग कांफ्रेंस के दिन 23 जनवरी को समस्त ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियन्ता भोजन अवकाश के दौरान कार्यालयों से बाहर आकर व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे।
संघर्ष समिति ने कहा कि कंसल्टेंट की नियुक्ति में भी भारी धनराशि खर्च होगी। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि कंसलटेंट कॉर्पोरेट घरानों से ही होते हैं और कंसलटेंट ऐसा आरएफपी डॉक्यूमेंट तैयार करते हैं जो संबंधित कॉरपोरेट घराने को सूट करता है। यह एक प्रकार से मिली भगत का खेल है जिसे रोका जाना चाहिए।संघर्ष समिति ने कहा है कि निजीकरण के विरोध में अभियान तेज करने हेतु 19 जनवरी को रविवार के दिन प्रत्येक जनपद और परियोजना मुख्यालय पर बिजली कर्मियों की सभाएं की जाएंगी।