गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हमारे सौर मंडल में एक दुर्लभ खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसमें कई ग्रह एक ही सीध में नजर आएंगे। यह साल की पहली बड़ी खगोलीय घटना होगी, जिसमें शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, नेपच्यून और यूरेनस एक साथ आकर एक सीधी रेखा में दिखाई देंगे। नासा और दुनिया भर की अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां इस घटना पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।
ग्रहों का एक सीध में आना: एक खगोलीय संयोग
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोलज्ञ डॉ. शशिभूषण पाण्डेय ने बताया कि ग्रहों का एक सीध में आना एक सामान्य खगोलीय घटना है, जो समय-समय पर घटित होती रहती है। सभी ग्रह अपनी कक्षाओं में घूमते रहते हैं और कभी-कभी एक विशेष स्थिति में आकर वे एक रेखा में दिखाई देते हैं। हालांकि, यह दृश्य बहुत आकर्षक लगता है, लेकिन इन ग्रहों के बीच का फासला लाखों किलोमीटर का होता है।
नग्न आंखों से देख सकते हैं ये ग्रह
इस खगोलीय घटना में शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि ग्रह नग्न आंखों से देखे जा सकते हैं। इनमें से शुक्र ग्रह सबसे ज्यादा चमकदार दिखाई देगा, जो तारों से भी ज्यादा उज्जवल नजर आएगा। वहीं, मंगल ग्रह की पहचान इस समय बहुत आसान है क्योंकि यह लाल रंग में चमकता हुआ विशेष रूप से नजर आ रहा है, और यह हमारे पृथ्वी के बहुत पास है।
बृहस्पति ग्रह भी काफी आकर्षक और टिमटिमाता हुआ नजर आ रहा है, जिसे आप एक छोटी दूरबीन से इसके उपग्रहों के साथ देख सकते हैं। शनि ग्रह की चमक थोड़ी कम होगी, लेकिन जो लोग खगोलशास्त्र में रुचि रखते हैं, वे इसे आसानी से पहचान सकते हैं।
दूरबीन की आवश्यकता: नेपच्यून और यूरेनस
डॉ. शशिभूषण पाण्डेय के अनुसार, नेपच्यून और यूरेनस को नग्न आंखों से देख पाना संभव नहीं है। ये दोनों ग्रह हमारे सौर मंडल के सबसे दूर के ग्रह हैं और इन्हें देखने के लिए दूरबीन की आवश्यकता होती है।
ग्रहों की परेड: एक अविस्मरणीय दृश्य
यह खगोलीय परेड 21 जनवरी से शुरू होगी और 25 जनवरी की रात को यह नजारा सबसे अद्भुत होगा। इस दिन, शाम होते ही शुक्र ग्रह सबसे पहले नजर आएगा, इसके बाद लाल ग्रह मंगल और अंधेरे के साथ बृहस्पति दिखाई देगा। धीरे-धीरे शनि भी अपनी चमक दिखाने लगेगा। यह दृश्य देखने के लिए खगोल प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन मौका होगा।
25 जनवरी की रात, जब ग्रहों की यह परेड अपने शबाब पर होगी, तब यह खगोल प्रेमियों के लिए एक यादगार घटना साबित होगी। इस विशेष खगोलीय घटना को 'परेड ऑफ प्लैनेट' के नाम से जाना जाएगा।