उत्तर प्रदेश के कानपुर में वीरगति को प्राप्त हुए शुभम द्विवेदी के घर पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में किसी पत्नी के सामने उसके पति की जान लेना अस्वीकार्य है, और भारत जैसे देश में तो यह बिल्कुल भी नहीं सहा जा सकता। सीएम योगी ने गुरुवार ( 24 अप्रैल 2025) को शुभम के परिवार से मुलाकात की है।
मुख्यमंत्री ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को 'कायराना और वीभत्स' करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं आतंकवाद के पतन की ओर इशारा करती हैं। उन्होंने दो टूक कहा, “हम आतंक के खात्मे की ओर हैं और जल्द ही इसके ताबूत में आखिरी कील ठोक दी जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उत्तर प्रदेश और केंद्र की डबल इंजन सरकार आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "हम आतंकियों को वोट बैंक नहीं मानते, उनके विषैले फन को कुचलने के लिए पूरी ताकत से काम कर रहे हैं।"
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने शहीद के पार्थिव शरीर को कांधा देकर अंतिम विदाई दी। लखनऊ एयरपोर्ट पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शुभम के पिता से मिलते हुए कहा, “शुभम केवल आपका नहीं, बल्कि भारत का बेटा था। उसकी शहादत बेकार नहीं जाएगी।”
शहीद शुभम की पत्नी एशान्या ने मीडिया से बातचीत में भावुक होते हुए बताया कि हमले के समय शुभम से बंदूकधारियों ने पूछा था कि वह हिंदू हैं या मुसलमान। जैसे ही उन्होंने 'हिंदू' कहा, उन्हें गोली मार दी गई। पिता संजय द्विवेदी ने बताया कि आतंकियों ने उनकी बहू से कहा, “तू मोदी को जाकर बता देना।” उन्होंने इस चुनौती को सरकार के लिए खुला अपमान बताया और मांग की कि आतंकियों को ऐसी सज़ा मिले जो उनकी पीढ़ियों को याद रहे।