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सुदर्शन राष्ट्रीय व्याख्यानमाला: स्वतंत्रता संग्राम से लेकर बांग्लादेश के प्रकरण में भारत के रुख पर पूर्व सांसद आनंद मोहन जी का संबोधन

स्वतंत्रता सप्ताह में बोलें 'कोसी के गांधी' के पौत्र- बांग्लादेश के मुद्दे पर हिंदुस्तान को चुप नहीं रहना चाहिए, पाकिस्तान और बांग्लादेश से लें सबक।

Ravi Rohan
  • Aug 13 2024 7:59PM
भारतवर्ष ब्रिटिश गुलामी से अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर स्वतंत्रता का अमृतकाल मना रहा है। 15 अगस्त से पूर्व हर वर्ष आपका प्रिय सुदर्शन न्यूज चैनल स्वतंत्रता सप्ताह मनाता है। 2005 में जब सुदर्शन का प्रसारण प्रारंभ हुआ था, तब से हर वर्ष अगस्त क्रांति दिवस अर्थात 9 अगस्त से 15 अगस्त तक सुदर्शन न्यूज 'स्वतंत्रता सप्ताह' का आयोजन करता रहा है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लोकप्रिय व्यक्तित्व के साथ आम जनता की सहभागिता होती है।

जानकारी के लिए बता दें कि, मंगलवार को इस स्वतंत्रता सप्ताह का पाँचवा दिन है। दरअसल, सुदर्शन व्याख्यान माला के पाँचवे दिन उत्तर बिहार के कोसी क्षेत्र के बाहुबली नेता कहलाने वाले पूर्व लोकसभा सांसद आनंद मोहन सिंह जी ने अपने बेबाक अंदाज में मानवता, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और बांग्लादेश के विषय पर सुविचार रखें। वहीं सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने स्वागत करते हुए उन्हें पुस्तक भेट किया। साथ में वक्ता के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल (पूर्व) वीके सिंह जी भी उपस्थित रहें। 

स्वतंत्रता महोत्सव सप्ताह में 'कोसी के गांधी' कहे जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी राम बहादुर बाबू के पौत्र (पोते) आनंद मोहन सिंह जी ने स्वतंत्रता सप्ताह के प्रसारण के 19 साल पूरे होने पर साधुवाद दिया। 9 अगस्त से 15 अगस्त तक इस कार्यक्रम के माध्यम से नई पीढ़ी को शिक्षा देने के लिए सूदर्शन चैनल के प्रयास की प्रशंसा की। उन्होंने सन् 1857 की क्रांति के प्रणेताओं बहादुर शाह जफर, बिरसा मुंडा, काकोरी काण्ड, चापेकर बंधुओं, भगत सिंह, बाबू वीर कुंवर सिंह, मंगल पांडे, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, गांधी और चंद्रशेखर आजाद जैसे आंदोलनकारी नेताओं, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, उन्हें स्मरण किया। आनंद मोहन जी ने कहा कि, उस मुल्क को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है जिनकी इतने बहादुर पुर्खे हों।

जहां क्रूरता ने पंजे फैलाएं वहां भारत खड़ा रहा

राजनेता आनंद मोहन जी ने कहा कि, "भारत की डेढ़ सौ करोड़ आबादी के 300 करोड़ हाथ अगर पाकिस्तान पर पकड़ेगा तो पाकिस्तान का नामोनिशान नहीं बचेगा। जातियां, धर्म, कट्टरपंथ सब पर भारी होता है इंसानियत। इंसानियत बांग्लादेश में नहीं हारेगा, उदारवादी सत्ता फिर लौट कर आएगी। इंसानियत फिर जिंदा होगी, मानवता कहीं हार नहीं माननी है। जब तक विश्व बिरादरी रहेगी कोई भी धर्म की कट्टरता मानवता पर भारी नहीं हो सकता है। जहां क्रूरता ने पंजे फैलाएं वहां भारत खड़ा रहा है। भारत प्राचीन गौरव के साथ और मानवीयता के साथ अपना पताका विश्व में फहराते रहेगा। 

पूर्व सांसद ने बताया कि, "कुछ मंदिरों को तोड़ देने से हिंदुत्व समाप्त नहीं होता। हिंदुत्व का सार मठ मंदिरों तक या कुछ जातियों तक सीमित नहीं हैं। बांग्लादेश में इंसानियत और जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का जब पतन किया जा रहा है, तब हिंदुस्तान को चुप नहीं रहना चाहिए। ज्यादती के कारण भारत से पाकिस्तान और बांग्लादेश टूट गया, हमें इससे सबक लेना चाहिए। बांग्लादेश के सवाल पर भारत को मूक दर्शन नहीं बनना चाहिए, ऐसा में अपील करता हूँ।" 

हमारा कोई बाल बाका नहीं कर सकता

इससे एक दिन पूर्व सूदर्शन व्याख्यानमाला के चौथे दिन पर, बांग्लादेश के युद्ध में शामिल होने वाले पूर्व सैनिक लेफ्टिनेंट जनरल  वीके सिंह जी ने व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए कहा कि, बांग्लादेश की स्थिति चिंतित करने वाली है। हमें चिंता करना चाहिए, मगर डरना नहीं चाहिए। विश्व के सैन्य इतिहास में भारतीय सेना इकलौती ऐसी सेना है जिसने शास्त्र के बल पर देश का निर्माण किया। सन् 1971 में बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना ने महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों सभी पर अत्याचार किया था। और इस बात को आज की पीढ़ी शायद भूल चुकी है। आज जो बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहा है वह अशोभनीय है।

बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी फिर सत्ता में आएगी, इसमें थोड़ा समय लग सकता है। बांग्लादेश कभी भारत का बुरा नहीं कर सकता है। भारत से दोस्ताना संबंध बनाने के अलावा बांग्लादेश के पास कोई और चॉइस नहीं है। राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अगर हम चलेंगे तो हमारा कोई बाल बाका भी नहीं कर सकता है।



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