अफगानिस्तान पर कब्जा कर एक तरफ तालिबान कह रहा है कि वह बदल चुका है तथा बिना किसी को प्रताड़ित किए अफगानिस्तान को तरक्की के पथ पर आगे ले जाने को तैयार है. लेकिन अफगानिस्तान से तालिबान की क्रूरता को लेकर जो ख़बरें सामने आ रही हैं वो दिल दहला देने वाली हैं. अफगानिस्तान के विभिन्न प्रांतों में तालिबान के आतंकी महिलाओं, बच्चों सहित निर्दोष लोगों के साथ बर्बरता कर रहे हैं, उनके साथ अत्याचार कर रहे हैं.
ताजा मामला अफगानिस्तान के दयाकुंडी प्रांत से सामने आया है जहां तालिबानी आतंकियों ने हाजरा मुस्लिम समुदाय के 14 लोगों की क्रूरतम ह्त्या कर दी है. तमाम मीडिया सूत्रों से प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़, तालिबान ने हाजरा मुस्लिम समुदाय के जिन 14 लोगों को मारा है, उसमें 12 सैनिक हैं, जिन्होंने अफगान पर तालिबानी कब्जे के बाद सरेंडर कर दिया था. इसके साथ ही दो आम नागरिक भी हैं.
इस घटना पर मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि एक महीने बाद तालिबान ने हजारा अल्पसंख्यक के नौ लोगों को प्रताड़ित किया और मार डाला और गजनी प्रांत में उनके घरों को लूट लिया. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यहां कई लोगों से बात की, जो 4 जुलाई से 5 जुलाई के बीच मलिस्तान जिले के मुंडारख्त गांव में हुई नृशंस हत्याओं के गवाह थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि छह हजारा पुरुषों को गोली मार दी गई, जबकि उनमें से तीन को यातनाएं दी गईं.
आपको बता दें कि हजारा समुदाय अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा मुस्लिम जातीय समूह है, जो मुख्य रूप से शिया इस्लाम का पालन करता है. इसे मुख्य रूप से सुन्नी अफगानिस्तान और पाकिस्तान में लंबे समय से भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है. अब जब अफगानिस्तान पर सुन्नी तालिबान एन कब्जा जमा लिया है तो शिया इस्लाम का पालन करने वाले हाजरा मुस्लिम समुदाय को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है.