राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की अवैध ढांचा के बाहर 'सिर तन से जुदा' के नारे लगाने वाले मामले में अंतिम सुनवाई पूरी हो गई है. कोर्ट ने आज यानी मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले में छह जिहादियों को बरी कर दिया है, जिसमें खादिम गौहर चिश्ती भी शामिल है. वहीं, भाग्यनगर में गौहर चिश्ती को शरण देने वाला अभी फरार है. उसे लेकर आगे सुनवाई होनी है. उन पर नूपुर शर्मा के खिलाफ एसटीएसजे के नारे लगाने का आरोप लगाया गया था.
17 जून को अजमेर में लगे थे 'सिर तन से जुदा' के नारे
'सिर तन से जुदा' के नारे लगाने वाले खादिम सहित छह जिहादियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. उनके नाम हैं- दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती, अजमेर के रहने वाले 31 साल के ताजिम सिद्दीकी पुत्र नईम खान, 42 साल के फखर जमाली पुत्र सैयद मोहम्मद जुबैर जमाली, 47 साल के रियाज हसन दल पुत्र हसन, 48 साल के मोईन खान पुत्र स्व. शमसुद्दीन खान और 45 साल के नासिर खान.
खादिम गौहर चिश्ती सहित 6 जिहादी बरी
बता दें कि यह मामला पिछले दो साल से ट्रायल कोर्ट में चल रहा था. मामले की सुनवाई के दौरान कुल 22 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए थे. दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद जज रितु मीणा सभी जिहादियों को बरी कर दिया. बताया जा रहा है कि इस मामले में एक आरोपित अहसानुल्लाह फरार है. उस पर कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया.
जानकारी के अनुसार, 17 जून 2022 को अजमेर के इलाके में ख्वाजा गरीब नवाज की अवैध ढांचा की सीढ़ियों के बाहर से मौन जुलूस निकाला गया था. उससे पहले एक सभा में 'सिर तन से जुदा' के नारे लगाए गए थे. उसके बाद 28 जून को उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड सामने आया था.