महामंडलेश्वर ने अपने रक्त से लिखा हुआ ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन के माध्यम से भेजा। ज्ञापन में उन्होंने मांग की है कि बांग्लादेश सरकार में हस्तक्षेप कर वहां सेना भेजी जाए ताकि हिंदुओं को सुरक्षित भारत लाया जा सके और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाए। साथ ही, उन्होंने सीएए/एनआरसी को तुरंत लागू करने की अपील की ताकि बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर किया जा सके।
महामंडलेश्वर ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदुओं के नरसंहार के मुद्दे को उठाते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस विषय को गंभीरता से लिया जाए ताकि दुनिया के किसी भी देश में जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं, वहां हिंदुओं के साथ बर्बरता की पुनरावृत्ति न हो।
इसके अलावा, उन्होंने भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों को चिन्हित कर बाहर निकालने की बात की, और इसके बदले बांग्लादेश में प्रताड़ित हो रहे हिंदुओं को भारत में लाकर उन्हें भारतीय नागरिकता देने की मांग की।
महामंडलेश्वर ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की अपील की ताकि संयुक्त राष्ट्र संघ इस मुद्दे को लेकर सेना और चिकित्सा सहायता भेजे। यदि बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति बनी रहती है, तो 1971 के युद्ध की तरह भारत की सैन्य शक्ति को बांग्लादेश भेजकर उसका विभाजन कर एक अन्य हिंदू बांग्लादेश बनाए जाने की भी बात की।