चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है। मां ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा का दूसरा स्वरूप हैं, जिन्हें तप, संयम और साधना की प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा से साधक को संयम, धैर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। 2025 में चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन भक्तों के लिए विशेष शुभ संयोग लेकर आ रहा है। इस दिन विधि-विधान से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि 2025 का आज दूसरा दिन है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त निम्नानुसार है:
•पूजा का शुभ समय: सुबह 06:15 बजे से 08:45 बजे तक
•अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक
•विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 बजे से 03:20 बजे तक
भक्त इन शुभ मुहूर्तों में मां की आराधना कर सकते हैं, जिससे पूजा का अधिक फल प्राप्त होता है।
मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप और महत्व
मां ब्रह्मचारिणी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके एक हाथ में जप माला तथा दूसरे में कमंडल होता है। उनका स्वरूप संयम, साधना और त्याग का प्रतीक है। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके कारण उन्हें यह नाम मिला।
पूजा विधि
•प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
•पूजन स्थल पर मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
•मां को अक्षत, फूल, धूप और गंध अर्पित करें।
•सफेद रंग के फूल और शक्कर का भोग लगाएं, क्योंकि मां ब्रह्मचारिणी को यह प्रिय है।
•“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
•मां की आरती कर प्रसाद वितरित करें।