उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि या खराब छवि वाले ठेकेदारों को सिंचाई परियोजनाओं के लिए बोली लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री योगी ने चेतावनी दी कि निर्देश को लागू न करने पर सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अपराधी, माफिया प्रवृति खराब छवि के लोग सिंचाई विभाग की परियोजनाओं की ठेकेदारी में कतई न प्रवेश करने पाएं ठेकेदार चुनते वक्त बारीकी से इसकी पड़ताल करनी चाहिए. यदि ऐसा होता हुआ पाया गया और उसमें किसी शासकीय अधिकारी, कर्मचारी की संलिप्तता मिली तो उसके खिलाफ भी मिलीभगत का दोषी मानकर कार्रवाई की जाएगी.
आदित्यनाथ ने बुधवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रबंधन और जन- जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत जारी तैयारियों की समीक्षा की और व्यापक जनहित में आवश्यक दिशा- निर्देश दिए. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई इस विशेष बैठक में बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील और संवेदनशील जिलों के जिलाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया और अपनी तैयारियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में व्यापक जन- धन हानि के लिए दशकों तक कारक रही बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए पिछले 6 सालों में किए गए सुनियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले है. उन्होंने कहा की बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी है. विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जन- धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए 2017-18 से अब तक 982 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गई जिनमें 282 परियोजनाएं अकेले वर्ष 2022-23 में पूरी की गई है. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में 265 नई परियोजनाएं, सात ड्रेसिंग संबंधी परियोजनाएं और पूर्व 140 परियोजनाओं सहित कुल 412 परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि इसके साथ ही सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील श्रेणी में आते हैं.
मुख्यमंत्री ने अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इन स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था और आवश्यक उपकरणों का भी प्रबन्ध होना चाहिए. सभी 780 बाढ़ सुरक्षा समितियां सक्रिय रहें. मुख्यमंत्री ने कहा कि अति संवेदनशील तथा संवेदनशील तटबंधों का जिलाधिकारी स्वयं निरीक्षण करें.
योगी ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग, केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, खाद्य एवं रसद, राजस्व और राहत, पशुपालन, कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित किया जाए.