बुधवार 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा के अवसर पर प्रयागराज में महाकुंभ का पांचवां अमृत स्नान आयोजित होगा। इस दिन लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचेंगे, जिससे शहर में भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है।
महाकुंभ में अमृत स्नान की विशेषता
महाकुंभ के दौरान विशिष्ट तिथियों पर किए जाने वाले स्नान को अमृत स्नान कहा जाता है। बसंत पंचमी पर किया गया अमृत स्नान समाप्त हो चुका है, लेकिन माघ पूर्णिमा स्नान के लिए भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। इस बढ़ती भीड़ को देखते हुए शहर में कई रास्तों पर डायवर्जन किया गया है और बाहरी वाहनों को सीमाओं पर रोका जा रहा है। इसके अलावा, महाकुंभ क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है, जिससे यातायात व्यवस्था में अधिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
प्रयागराज न जा पाएं तो क्या करें?
यदि आप माघ पूर्णिमा के शाही स्नान के लिए प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं तो भी आप घर पर स्नान कर पुण्य कमा सकते हैं। शास्त्रों में कुछ उपाय दिए गए हैं जिनका पालन कर घर पर ही कुंभ स्नान जैसा पुण्य प्राप्त किया जा सकता है।
घर पर स्नान विधि
- यदि आप माघ पूर्णिमा पर शाही स्नान के लिए प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं, तो आप किसी नदी में स्नान कर सकते हैं। अगर यह संभव न हो तो घर के नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान करें।
- स्नान करते वक्त "गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन सन्निधिं कुरू" मंत्र का जाप करें। यदि मंत्रोच्चारण न कर सकें तो कम से कम मां गंगे का ध्यान जरूर करें।
- शास्त्रों के अनुसार, महाकुंभ में संगम स्नान के समय 5 बार डुबकी लगाने का महत्व है। घर के नजदीकी किसी नदी में स्नान करते वक्त इस परंपरा का पालन करें।
- स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें, तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं, और जरूरतमंदों को दान करें।
- माघ पूर्णिमा के दिन सात्विक भोजन करें और मांसाहार, तामसिक भोजन से बचें।
माघ पूर्णिमा स्नान मुहूर्त
माघ पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी को शाम 6:55 बजे से शुरू होकर 12 फरवरी को शाम 7:22 बजे तक रहेगी। इस दिन स्नान का सबसे शुभ समय सुबह 05:19 से 06:10 तक रहेगा।