रक्षा सचिव ने अपने संबोधन में एनसीसी कैडेट्स की कड़ी मेहनत की सराहना की, जिन्होंने राष्ट्रीय उत्साह और रचनात्मक ऊर्जा का अद्वितीय प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि, इस एक महीने के कैंप में कैडेट्स ने जो प्रदर्शन किया है, वह उनके उत्कृष्टता के प्रति समर्पण को दर्शाता है और यह अनुभव जीवन के हर क्षेत्र में उनके काम आएगा।
NCC की उपलब्धियों पर दिया जोर
रक्षा सचिव ने एनसीसी द्वारा की गई कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। इनमें एनरोलमेंट प्रक्रिया का डिजिटलीकरण, पात्रता के अनुसार वस्त्र भत्ते का इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर, सीमावर्ती और तटीय क्षेत्रों में कैंपों का आयोजन और विभिन्न खेल, शूटिंग और साहसिक गतिविधियों में कैडेट्स की प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने कैडेट्स की कड़ी ट्रेनिंग और सामाजिक सेवा गतिविधियों के प्रति उनकी अडिग प्रतिबद्धता की भी तारीफ की।
रक्षा सचिव ने अपने संबोधन का समापन करते हुए मंत्रालय की ओर से एनसीसी कैडेट्स को उनके भविष्य के प्रयासों में निरंतर समर्थन और प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कैडेट्स और उनके नेतृत्व को सालभर की अथक मेहनत और शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी।
एनसीसी के ऐतिहासिक क्षेत्रों का दौरा
इससे पहले, रक्षा सचिव का स्वागत एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरुबीरपाल सिंह ने किया। इसके बाद, उन्होंने 'फ्लैग एरिया' का दौरा किया, जिसे सैंड मॉडल्स के माध्यम से तैयार किया गया था। इस क्षेत्र में कैडेट्स को सामाजिक जागरूकता से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपनी रचनात्मकता और गहरी समझ प्रदर्शित करने का अवसर मिला।
एनसीसी के इतिहास और प्रदर्शन पर विशेष चर्चा
रक्षा सचिव ने ‘हॉल ऑफ फेम’ का भी दौरा किया, जहां उन्हें एनसीसी के समृद्ध इतिहास और कैडेट्स की प्रशिक्षण प्रक्रिया और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा, उन्होंने एक आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद लिया, जिसमें समूह नृत्य और गीतों का प्रदर्शन किया गया। इस दौरे का समापन ‘विचार और नवाचार’ पर आधारित विभिन्न परियोजनाओं की प्रदर्शनी से हुआ, जिसे सभी राज्य निदेशालयों के उत्कृष्ट कैडेट्स ने प्रस्तुत किया।