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Magh Gupt Navratri 2025: इस दिन से मनाई जाएगी गुप्त नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और महत्व

गुप्त नवरात्रि के दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा, जानें इस विशेष अवसर पर की जाने वाली तंत्र साधना के लाभ।

Rashmi Singh
  • Jan 18 2025 9:42AM

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष स्थान है और इसे साल में चार बार मनाया जाता है। इनमें से दो नवरात्रि प्रत्यक्ष होती हैं जबकि दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। प्रत्यक्ष नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है, जबकि गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की आराधना की जाती है। तंत्र विद्या के अनुयायी इस समय विशेष रूप से उपासना करते हैं। 

गुप्त नवरात्रि में पूजा जाने वाली महाविद्याएं

गुप्त नवरात्रि के दौरान जिन दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है, वे हैं:  

1. मां काली  
2. तारा देवी  
3. त्रिपुर सुंदरी  
4. भुवनेश्वरी  
5. माता छिन्नमस्ता  
6. त्रिपुर भैरवी  
7. मां धूमावती  
8. माता बगलामुखी  
9. मातंगी  
10. कमला देवी

माघ गुप्त नवरात्रि 2025 की तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 जनवरी 2025 को शाम 6:05 बजे से प्रारंभ होगी। गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 30 जनवरी 2025 को होगी और यह 7 फरवरी 2025 तक चलेगी।

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

गुप्त नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना के साथ होती है। इस वर्ष घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 30 जनवरी को सुबह 9:25 बजे से लेकर 10:46 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 बजे से 12:56 बजे तक होगा। 

कैसे करें कलश स्थापना?

1. मिट्टी के कलश की स्थापना गुप्त नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में की जाती है।
2. सबसे पहले कलश में थोड़ी सी मिट्टी और जौ डालनी चाहिए।
3. फिर एक परत मिट्टी बिछाकर दोबारा जौ डालनी चाहिए।
4. इसके बाद फिर से मिट्टी की परत बिछानी चाहिए।
5. मिट्टी की परत पर जल छिड़कना चाहिए।
6. ऊपर तक कलश को मिट्टी से भर देना चाहिए।
7. फिर कलश की स्थापना करके पूजन करना चाहिए।
8. जहां कलश स्थापित करना हो वहां एक पाट रखकर लाल वस्त्र बिछाना चाहिए. उस पर कलश स्थापित करना चाहिए।
9. कलश पर रोली या चंदन स्वास्तिक बनवाना चाहिए।
10. कलश के गले में मौली अवश्य बांधनी चाहिए।

गुप्त नवरात्रि का महत्व

गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा का खास महत्व है। इस दौरान धार्मिक ग्रंथों जैसे दुर्गा सप्तशती, देवी महात्म्य और श्रीमद-देवी भागवत का पाठ करने से सभी परेशानियाँ दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। माना जाता है कि इस समय की गई साधना से जन्मकुंडली के दोष दूर होते हैं और व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

गुप्त नवरात्रि एक खास अवसर है, जब तंत्र साधक और भक्त देवी शक्तियों की विशेष पूजा करते हैं। इस दौरान की गई साधना जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती है।

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