महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार (17 मार्च 2025) को मुस्लिम भीड़ ने हिंसा की थी। इस हिंसा में हिन्दुओं के घऱों और दुकानों को निशाना बनाया गया था। उन्मादियों की टोली ने पुलिसकर्मियों को भी नहीं छोड़ा। IPS अधिकारी से ले कर फायर ब्रिगेड तक के जवान हमलावरों का शिकार बने थे। इस हिंसा में 51 नामजदों सहित लगभग 600 हमलावरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दंगाई भीड़ का नेतृत्व शमीम खान कर रहा था जो कि अल्पसंख्यक के नाम पर बनी एक पार्टी का सदस्य है।
सुदर्शन न्यूज़ के पास लगभग 40 दंगाइयों के नाम हैं जिन्होंने नागपुर को जलाने की हर संभव कोशिश की। इनमें आबिद शेख, फैज़ान, शमीम, इनामुद्दीन, अशफाक, कासिफ, इरफ़ान, अल्ताफ, वसीम रज़ा, नदीम, अब्दुल महफूज़, शेख हसन, अकरम शेख, आमिर रज़ा, अदनान अली, शेख रियाज़, दानिश खान, मोहम्मद एजाज, शेख असरार, फैज़ान अमीन, मोहम्मद इमरान, मोहम्मद इफ्तिकार, नसरुद्दीन शेख, अब्दुल अदनान, इबादतउल्लाह खान, वसीम, शेख इमरान, मोहम्मद आवेज, सैफ अली, नदीम शेख, मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद हारिश, युसूफ शेख, शेख सादिक, मोहम्मद युसूफ और असीम शेख आदि के नाम हैं।
इस हिंसा में कई नाबालिगों की भी मिलीभगत रही। कुछ नाबालिगों के नाम भी FIR में हैं। इन नामजदों के अलावा लगभग 500 से 600 हमलावरों को अज्ञात में रखा गया है। पुलिस ने कई आरोपितों को गिरफ्तार भी किया है। सुदर्शन न्यूज़ द्वारा जुटाई गई जानकारी के मुताबिक हिंसा का मास्टरमाइंड शमीम खान है। 38 वर्षीय शमीम नागपुर में माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी का कार्यकर्ता है। कक्षा 10 पास शमीम खान दुनिया की आँखों में धूल झोंकने के लिए खुद को एक कारोबारी के तौर पर पेश करता है।
फहीम शमीम खान साल 2024 में नागपुर मध्य से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है। तब उसकी जमानत जब्त हो गई थी। उसको कुल 1,073 वोट मिले थे। नागपुर हिंसा के अलावा उस पर साल 2009 से 2023 तक 3 अन्य केस भी दर्ज हुए हैं। हालाँकि उसकी कई अन्य अपराधों में भी मिलीभगत हो सकती है। चुनावी हलफनामे में फहीम शमीम खान ने खुद को बेहद गरीब दिखाते हुए मात्र 75000 की सम्पत्ति दिखाई थी। इसी सीट से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लगभग सवा 2 लाख वोटों से चुनाव जीता था। हिंसा के बाद से फहीम शमीम खान अन्य हमलावरों के साथ फरार चल रहा है।