भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर आई प्रतिक्रिया को नकारते हुए, पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र जम्मू और कश्मीर (PoK) को खाली करने की मांग की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी ओर से 'अवैध' कब्जे वाले क्षेत्र को तत्काल छोड़ देना चाहिए।
PM मोदी का बयान और पाक की प्रतिक्रिया
रविवार, 16 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में पाकिस्तान के साथ भारत के खराब रिश्तों पर बात की थी। उन्होंने कहा कि 1947 के विभाजन के बाद से पाकिस्तान ने भारत के साथ लगातार मतभेद रखे हैं और इसके चलते पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ प्रॉक्सी युद्ध छेड़ा है। मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने भारत के शांति प्रयासों को विफल किया है।
इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी के बयान को 'भ्रामक और एकतरफा' करार दिया। पाक विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "भारत ने जम्मू-कश्मीर विवाद को अपनी सुविधा अनुसार छोड़ दिया, जबकि इस मुद्दे का समाधान पिछले सात दशकों से नहीं मिल पाया है, जबकि भारत ने स्वयं संयुक्त राष्ट्र, पाकिस्तान और कश्मीर के लोगों को समाधान का भरोसा दिलाया था।"
"झूठ फैलाने की बजाय PoK खाली करना चाहिए"- भारत
भारत ने पाकिस्तान के आरोपों का जवाब देते हुए पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को नकारा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान को झूठ फैलाने के बजाय, अपने अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि असली मुद्दा यह है कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, जो क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी बाधा है।
PM मोदी का पाक के प्रति संदेश
पीएम मोदी ने पाकिस्तान के बारे में कहा था कि हमेशा वहां से धोखा ही मिला। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था, तो उन्हें शांति के प्रयासों के बजाय दुश्मनी मिली। मोदी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के लोग शांति चाहते होंगे और निरंतर संघर्ष से थक गए होंगे। उन्होंने आशा जताई कि एक दिन पाकिस्तान को सद्बुद्धि मिलेगी और वह शांति का रास्ता अपनाएगा।