मार्च का महीना हिंदू पंचांग के अनुसार बेहद खास माना जा रहा है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार, ग्रह गोचर और राशि परिवर्तन हो रहे हैं। आइए जानते हैं मार्च में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार और ग्रह गोचर के बारे में।
मार्च के व्रत-त्योहार की लिस्ट
1 मार्च फुलैरा दूज
मार्च महीने की शुरुआत फुलैरा दूज से हो रही है, जो विशेष रूप से होली के पहले दिन मनाया जाता है। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को और भी प्रगाढ़ करने का दिन होता है।
3 मार्च विनायक चतुर्थी
गणेश भगवान की पूजा का यह विशेष अवसर है। इस दिन व्रति गणेश जी की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।
7 मार्च मासिक दुर्गाष्टमी
यह दिन दुर्गा माता की पूजा के लिए समर्पित होता है, खासकर महिलाओं के लिए विशेष दिन होता है।
10 मार्च आमलकी एकादशी, नृसिंह द्वादशी
आमलकी एकादशी का व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा रखा जाता है।
11 मार्च प्रदोष व्रत
इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत का महत्व अत्यधिक होता है।
13 मार्च छोटी होली, होलिका दहन
होली से पहले यह दिन होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है, जिसमें बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है।
14 मार्च होली, चंद्रग्रहण, मीन संक्रांति, फाल्गुन पूर्णिमा
होली के दिन चंद्रग्रहण भी होगा, जो विशेष खगोलशास्त्रीय घटना है। इस दिन मीन संक्रांति भी है और फाल्गुन पूर्णिमा भी।
15 मार्च चैत्र मास प्रारंभ
चैत्र माह की शुरुआत होती है, जो हिंदू नववर्ष का प्रारंभ भी है।
16 मार्च भाई दूज
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है।
17 मार्च भालचद्र संकष्टी चतुर्थी
यह व्रत विशेष रूप से गणेश जी की पूजा का अवसर होता है।
19 मार्च रंग पंचमी
रंग पंचमी होली के बाद मनाया जाता है, जहां लोग रंगों से खेलते हैं।
21 मार्च शीतला सप्तमी
शीतला सप्तमी का व्रत खासकर महिलाओं द्वारा शीतला माता की पूजा के लिए रखा जाता है।
22 मार्च शीतला अष्टमी, बसोड़ा, कालाष्टमी
इस दिन शीतला माता की पूजा की जाती है और यह एक महत्वपूर्ण व्रत होता है।
25 मार्च पापमोचिनी एकादशी
इस दिन पापों से मुक्ति के लिए विशेष पूजा होती है।
27 मार्च प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित होता है और मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।
29 मार्च सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या
सूर्य ग्रहण और चैत्र माह की अमावस्या का एक महत्वपूर्ण दिन होता है।
30 मार्च गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि
यह दिन हिंदू नववर्ष के रूप में मनाया जाता है और साथ ही चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है।
31 मार्च गणगौर
गणगौर का पर्व खासकर राजस्थान और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं अपने घरों की सुख-समृद्धि के लिए पूजा करती हैं।
मार्च का ग्रह गोचर
2 मार्च शुक्र मीन राशि में वक्री
शुक्र ग्रह का वक्री होना विशेष खगोलशास्त्रीय घटना है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकता है।
14 मार्च सूर्य का मीन राशि में गोचर
सूर्य के मीन राशि में गोचर करने से जीवन में बदलाव और नई शुरुआत का संकेत मिलता है।
15 मार्च बुध मीन राशि में वक्री
बुध ग्रह का वक्री होना संचार, शिक्षा और यात्रा के क्षेत्र में सावधानी की आवश्यकता को दर्शाता है।
17 मार्च बुध मीन राशि में अस्त
बुध का अस्त होना मानसिक तनाव और सोच में भ्रम को उत्पन्न कर सकता है।
17 मार्च शुक्र का मीन राशि में उदय
शुक्र का उदय प्रेम, सौंदर्य और कला के क्षेत्र में अच्छे अवसर प्रदान कर सकता है।
18 मार्च शुक्र मीन राशि में अस्त
शुक्र का अस्त होने से रिश्तों और प्रेम संबंधों में थोड़ी उलझन हो सकती है।
29 मार्च शनि का मीन राशि में गोचर
शनि का मीन राशि में गोचर होने से कर्मों का फल मिल सकता है और यह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कड़ी मेहनत की आवश्यकता को दर्शाता है।