माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पूरे देश में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व विशेष रूप से माता सरस्वती, जो शिक्षा, संगीत और कला की देवी मानी जाती हैं, को समर्पित है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने से जीवन के संकट समाप्त होते हैं और ज्ञान वर्धन होता है।
सरस्वती पूजा से मिलती है मानसिक शांति
माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करने से न केवल जीवन में आ रही कठिनाइयों का निवारण होता है, बल्कि मानसिक शांति और समृद्धि भी प्राप्त होती है। खासकर छात्रों के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, अगर किसी छात्र का पढ़ाई में मन नहीं लगता या उसकी एकाग्रता कमजोर है तो उसे इस दिन विशेष उपाय करने चाहिए।
खास उपायों से मिलेगा लाभ
बुध के कमजोर होने पर: अगर कुंडली में बुध कमजोर हो, तो व्यक्ति की बुद्धि कमजोर हो जाती है। ऐसे में मां सरस्वती की पूजा करना और उन्हें हरे फल अर्पित करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।
बृहस्पति के कमजोर होने पर: अगर बृहस्पति कमजोर हो, तो विद्या की प्राप्ति में बाधा आती है। ऐसे में बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनें और पीले पुष्प व फल से मां की पूजा करें।
शुक्र के कमजोर होने पर: अगर शुक्र कमजोर हो, तो व्यक्ति का मन चंचल रहता है और करियर का चुनाव भी कठिन हो जाता है। ऐसी स्थिति में मां सरस्वती की उपासना करना और सफेद फूल अर्पित करना शुभ रहता है।
पूजा विधि और समय
बसंत पंचमी के दिन पूजा करते समय पीले, बसंती या सफेद वस्त्र पहनें। काले और लाल वस्त्र से बचें। पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके शुरू करें। सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे तक पूजा करना सर्वोत्तम होता है।
मां सरस्वती को अर्पित करें विशेष वस्त्र और प्रसाद
मां सरस्वती को श्वेत चन्दन, पीले और सफेद पुष्प अर्पित करें। प्रसाद में मिसरी, दही और लावा अर्पित करना उत्तम माना जाता है। पूजा के बाद मां सरस्वती के मूल मंत्र ‘ऊं ऐं सरस्वत्यै नमः’ का जाप करें और फिर प्रसाद ग्रहण करें।