पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसे ऐतिहासिक कदम उठाए, जो देश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित हुए।
1991 में वित्त मंत्री के रूप में कार्य करते हुए, मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया। उन्होंने विदेशी निवेश के द्वार खोले और आर्थिक नीतियों में बदलाव किए। इसका नतीजा यह रहा कि दो साल में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1 अरब डॉलर से बढ़कर 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
प्रधानमंत्री के रूप में नई पहल
2004 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों को और मजबूत किया। उनके नेतृत्व में ऐसे कई निर्णय लिए गए, जिन्होंने देश की दिशा और दशा दोनों को बदल दिया।
मनरेगा: रोजगार का अधिकार
मनमोहन सिंह की सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) लागू की। इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाए और गरीबों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया। विश्व बैंक ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा लोक-निर्माण कार्यक्रम माना।
शिक्षा का अधिकार (RTE)
6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देने वाला शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में उनकी सरकार ने पारित किया। इस योजना ने लाखों बच्चों को शिक्षा के माध्यम से उज्जवल भविष्य का सपना साकार करने का मौका दिया।
सूचना का अधिकार (RTI)
मनमोहन सिंह की सरकार ने 2005 में सूचना का अधिकार कानून लागू किया। इस कानून ने जनता को सरकारी संस्थानों से सूचना मांगने का अधिकार दिया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हुई। भ्रष्टाचार पर भी इस कानून का बड़ा प्रभाव पड़ा।
आधार योजना की शुरुआत
2009 में आधार योजना की शुरुआत मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुई। यह योजना देश के नागरिकों को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए बनाई गई। आधार के जरिए सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाने में पारदर्शिता आई।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम
2013 में पारित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम ने देश के दो तिहाई नागरिकों को सस्ती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया। इस योजना का उद्देश्य देश में कोई भी नागरिक भूखा न रहे और सभी को पोषणयुक्त भोजन मिले।
अमेरिका-भारत परमाणु समझौता
मनमोहन सिंह के नेतृत्व में अमेरिका के साथ परमाणु समझौता भारत की कूटनीतिक सफलता का एक अहम हिस्सा था। इस डील ने भारत को एक परमाणु शक्ति के रूप में सशक्त बनाया और अमेरिका के साथ रिश्तों को नई दिशा दी।
मनमोहन सिंह का कार्यकाल भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों का स्वर्णिम अध्याय है। उनके द्वारा उठाए गए कदमों ने न केवल देश की आर्थिक स्थिति को सुधारा बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत को मजबूत पहचान दिलाई।