साल 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला आयोजित होने जा रहा है, जो हिंदू धर्म का एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक आयोजन है। महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु गंगा नदी में आस्था के साथ स्नान करने और भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए आते हैं। महाकुंभ की तैयारियां इस समय तेज़ी से चल रही हैं, और इसी बीच एक खास खबर सामने आई है, जो धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। बताया जा रहा है कि इस बार महाकुंभ में ईसाइयत और इस्लाम त्याग कर के सैकड़ों लोग सनातन धर्म अपनाएंगे।
सैकड़ों लोग करेंगे घर वापसी
बता दें कि महाकुंभ के दौरान सैकड़ों लोग धर्म परिवर्तन कर के सनातन धर्म की ओर वापस लौटेंगे। यह 'घर वापसी' का कार्यक्रम अखाड़ों के संतों द्वारा आयोजित किया जाएगा। महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि उनके अखाड़े द्वारा इस महाकुंभ में सैकड़ों की संख्या में गैर सनातन धर्मावलंबियों की घर वापसी कराई जाएगी। यह लोग अपनी इच्छा से सनातन धर्म को अपनाएंगे।
अत्याचार और भय के कारण सनातन धर्म से अलग हो गए थे सैकड़ों लोग
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र गिरि महाराज ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जो लोग विदेशी आक्रमणकारियों के अत्याचार और भय के कारण सनातन धर्म से अलग हो गए थे, वे अब धर्म परिवर्तन से परेशान हो चुके हैं और वे अब अपनी जड़ें फिर से सनातन धर्म में जोड़ना चाहते हैं।
महंत ने यह भी कहा कि जो लोग इस पूरी प्रक्रिया को धर्मांतरण कह रहे हैं, वे कट्टरपंथी और सनातन विरोधी लोग हैं। वे नहीं चाहते कि समाज में शांति और समरसता हो। इसके साथ ही, महंत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया एक धार्मिक जागरूकता और शांति की ओर कदम है, जिसमें सम्मान और सद्भावना की भावना के साथ लोगों को एकजुट किया जाएगा। यह कदम महाकुंभ मेला में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है, जहां धार्मिक समरसता और मानवता की भावना को प्रमुखता दी जा रही है।